नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भी केजरीवाल जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे क्योंकि वे सीबीआई के मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बड़ी बेंच चाहेगी तो वो अंतरिम जमानत के फैसले में बदलाव कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़ी बेंच ये तय करेगी कि गिरफ्तारी का आधार क्या हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महज पूछताछ गिरफ्तारी की अनुमति नहीं दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल चुने हुए प्रतिनिधि हैं और वे 90 दिन जेल में रहे हैं। जस्टिस खन्ना ने कहा कि कोर्ट किसी चुने हुए प्रतिनिधि को न तो पद से हटने को कह सकता है और न ही मुख्यमंत्री के रूप में काम करने से रोक सकता है। हम ये केजरीवाल पर छोड़ते हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि कोर्ट ने चुनाव फंडिंग पर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में संविधान बेंच ने फैसला दिया है जिसमें इलेक्टोरल बांड को निरस्त किया है। वो मामला चुनाव की फंडिंग से ही जुड़ा हुआ है जिसमें गहराई से पड़ताल की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था। इस मामले में सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था।