नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि राज्यों के कर हस्तांतरण के मामले में सरकार कुछ नहीं कर सकती, ये पूरी तरह से वित्त आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि राज्यों को प्रत्यक्ष करों का हस्तांतरण वित्त आयोग की सिफारिश पर होता है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के पूरक सवाल के जवाब में यह बात कही। सीतारमण ने सदन को बताया कि राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) 100 फीसदी राज्यों को जाता है। सरकार कुछ राज्यों के कर हस्तांतरण के मामले में कुछ नहीं कर सकती है, क्योंकि यह पूरी तरह से वित्त आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र का न कोई अधिकार है और न ही कोई भूमिका। सीतारमण ने कहा कि मुझे अपनी इच्छा और पसंद के अनुसार यह बदलने का अधिकार नहीं है कि मुझे कोई राज्य पसंद है या नहीं। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की सिफ़ारिशों का क्रियान्वयन बिना किसी भय या पक्षपात के किया जाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर हस्तांतरण प्रणाली ठीक तरह से काम कर रही है। वित्त मंत्री ने अधीर रंजन चौधरी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आयोग विभिन्न हितधारकों से विचार-विमर्श करने के बाद अपनी सिफारिशें करता है। उन्होंने सदन को बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खासकर राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) भी राज्यों को शत-प्रतिशत हस्तांतरित कर दिया जाता है। एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) का संग्रह इसलिए किया जाता है, क्योंकि इसमें अत्यधिक अंतरराज्य भुगतान करने होते हैं।
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