हरिद्वार । पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने गुरुवार को बिजली की समस्याओं को लेकर रुड़की स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना दिया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए सरकार पर हमला बोला।
धरने के दौरान हरीश रावत ने कहा कि आज बिजली की समस्याओं को लेकर लोग परेशान हैं। अघोषित 10 से 12 घंटे तक की बिजली कटौती से जन जीवन अस्त-व्यस्त है। बिजली की बढ़ती दरें लोगों को आर्थिक रूप से परेशान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विभाग पूंजीपतियों पर लाखों रुपयों के बकाया को छोड़कर किसानों, मजदूरों के घरों में छापेमारी करता है और उनका उत्पीड़न करता है। किसानों को ट्यूबवेल का ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए महीनों चक्कर काटना पड़ता है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि ऐसे अधिकारियों की लिस्ट बनाएं जो लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। जिन लोगों के अधिक बिल आए हैं और वह वसूले गए हैं। कांग्रेस की सरकार आने पर बिजली के बिल वापस करवाएंगे। जिस अधिकारी के सर्किल में सबसे अधिक कटौती हो रही है कार्यकर्ता उसका नाम नोट कर लें उसे कांग्रेस की सरकार आते ही रिटायर किया जाएगा।
इस दौरान रुड़की ग्रामीण जिलाध्यक्ष एवं झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति ने कहा कि बिजली विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है। अगर पैसे देंगे तो तुरंत काम हो जाता है। अगर पैसे न दें तो विभाग काम करने में आनाकानी करते हैं। आज विधायकों के सबसे लंबित कार्य इसी विभाग पर हैं। बिजली के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और सुविधाएं घटती जा रही हैं।
भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं सर पर हैं और लगातार बिजली कटौती की जा रही है। ऐसे में छात्र छात्राओं की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को भी बिजली न आने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।