नई दिल्ली । राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि झारखंड में एक चुनी हुई सरकार को कमजोर किया जा रहा है। पूर्ण बहुमत होने के बाद भी राज्यपाल सरकार बनाने का न्योता नहीं दे रहे हैं। खड़गे ने शुक्रवार को राज्यसभा में झारखंड के राजनीतिक हालात का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब झारखंड के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया तो उन्होंने नए मुख्यमंत्री के नाम समेत समर्थकों की लिस्ट दी। वैसे तो लिस्ट देने के बाद तुरंत बुलाकर ‘वोट ऑफ कॉन्फिडेंस’ लिया जाता है लेकिन इस केस में ‘वोट ऑफ कॉन्फिडेंस’ लेने के लिए राज्यपाल की ओर से 10 दिन का समय दिया गया है। इससे पहले जब नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था तो उनको तुरंत शपथ ग्रहण करा दी गई। ये लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जो बेहद शर्मनाक है। खड़गे के इस बयान पर केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष खड़गे कह रहे हैं कि दूसरे सदन के नेता के बारे में इस सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए वहीं दूसरी तरफ वो झारखंड के राज्यपाल के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। राज्यपाल ने जो निर्णय लिया है, वो सोच-समझ कर ही लिया होगा। हालांकि जब निर्मला सीतारमण बोल रही थीं तो उस दौरान विपक्ष सदन से वाकआउट कर चुका था।
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