देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उद्यान घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा ऐसी कंपनी को काम दिया गया जिसका 2022 तक कोई अस्तित्व ही नहीं था। उन्होंने कहा कि बिना प्रोफाइल जांचे कंपनी को उद्यान विभाग ने लाइसेंस दे दिया। नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं हो सकता है। यदि न्यायालय से सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए जाते तो यह जांच भी ठंडे बस्ते मेें चली जाती।
उन्होंने कहा कि हिमाचल की तर्ज पर बागवानी को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था परंतु मानक पूर्ण ना होने के बावजूद सप्लाई के काम का लाइसेंस दे दिया गया। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा 18 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से यह साफ हो गया है कि दाल में काला ही नहीं ब्लकि पूरी दाल ही काली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रही थी, पर सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का काम कर रही थी, पर सीबीआई ने जिस तरह 18 अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया है उससे साफ है कि नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ सफेदपोस नेता भी घोटाले में लिप्त हैं। उनकी भी गहनता से जांच होनी चाहिए और उन पर भी मुकदमा चलना चाहिए, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।