नई दिल्ली। देश में डायरिया से होने वाली मौत को रोकने के लिए स्टॉप डायरिया कैंपेन की शुरुआत की गई। स्टॉप डायरिया अभियान का उद्देश्य बचपन के दस्त के कारण शून्य बाल मृत्यु लक्ष्य को प्राप्त करना है। यह अभियान एक जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा। 2 महीने तक चलने वाले इस अभियान में लोगों को डायरिया की रोकथाम के उपायों के प्रति जागरुक किया जाएगा। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और प्रतापराव जाधव मौजूद रहे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में जेपी नड्डा ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष, रोटावायरस वैक्सीन और इस स्टॉप डायरिया अभियान के बीच एक अनोखा संबंध है क्योंकि ये सभी स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान शुरू की गई पहल में से थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहल से डायरिया के कारण बचपन में होने वाली मृत्यु दर को कम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि 2014 में, भारत रोटावायरस वैक्सीन पेश करने वाला पहला देश था। इसी तरह, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और आयुष्मान आरोग्य मंदिर नेटवर्क के विस्तार ने देश में डायरिया के मामलों और मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारत में डायरिया प्रबंधन प्रयासों को मजबूत करने के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाने के महत्व पर भी जोर दिया। राज्यों की तैयारियों के स्तर की सराहना करते हुए नड्डा ने उन्हें जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। यदि हमारे स्वास्थ्यकर्मी देश के सुदूर कोनों तक पहुंच सकते हैं और कोरोना टीकों की 220 करोड़ खुराकें दे सकते हैं, तो हमारे अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी स्टॉप डायरिया अभियान के दौरान भी वही मजबूत वितरण तंत्र बना सकते हैं।