जगदलपुर । लोकसभा निर्वाचन के तहत निर्वाचन दायित्व में सलंग्न अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य व्यक्तियों को ईडीसी (निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र) के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा प्रदाय की जा रही है। निर्वाचन आयोग की मंशा है कि मतदान दिवस में सभी नागरिकों को उनके मताधिकार का उपयोग करने का अवसर दिया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग लोकतंत्र के पर्व में जुड़कर देश के विकास और निर्माण में सक्रिय सहभागिता निभा सकें। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा इस दिशा में निर्वाचन कार्य हेतु सलंग्न 3646 अधिकारी-कर्मचारियों को मतदान करने के लिए निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र जारी किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम ने विद्या ज्योति स्कूल में निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र जारी की जा रही कार्य का निरीक्षण भी किया।
कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित ना हो इसी के तहत निर्वाचन कार्य में संलग्न वाहनों, अधिग्रहित बसों तथा अन्य वाहनों के चालक-परिचालकों को भी ईडीसी जारी किया गया है। जिले में चुनाव ड्यूटी में लगे ऐसे लगभग 150 चालक-परिचालकों को निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस हेतु क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के सहयोग से पूर्व में ही संबंधित चालकों एवं परिचालकों से फार्म 12 क भरवा लिया गया है। इसके अलावा निर्वाचन कार्य के लिए साथ ही सुरक्षा बलों के जवानों को उनके आवेदन के आधार पर डाक मतपत्र से मतदान करने के लिए सुविधा दी जा रही है। इस हेतु मतदान दल प्रशिक्षण स्थल विद्या ज्योति स्कूल में डाक मतपत्र से मतदान के लिए सुविधा केन्द्र बनाया गया है। इसके अतिरिक्त डाक मतपत्र से मतदान के लिए सुविधा केन्द्र 17 अप्रैल को संयुक्त जिला कार्यालय में भी संचालित की जाएगी।
डाक मतपत्र और ईडीसी में मुख्यत: अंतर यह होता है कि डाक मतपत्र का इस्तेमाल तब किया जाता है जब व्यक्ति निर्वाचन कर्तव्य में अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर तैनात होता है, जबकि ईडीसी निर्वाचन क्षेत्र के अंदर तैनात होने की स्थिति में दिया जाता है। चूंकि बस्तर जिले की सभी विधानसभा क्षेत्र बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आती है। अतएव इस चुनाव में निर्वाचन में संलग्न व्यक्तियों को ईडीसी जारी किया जा रहा है। इस प्रमाण पत्र को दिखाने पर संबंधित व्यक्ति अपने मतदान केन्द्र के अतिरिक्त किसी भी अन्य मतदान केन्द्र में ईव्हीएम से ही मतदान कर सकता है। इसके लिए कोई अन्य व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं होती है और मतदाता व मतदान दल दोनों को सहूलियत होती है।