रामगढ़ । झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में गरीब परिवारों के बच्चों को बड़ी ही चालाकी से नौकरी का झांसा दिया जा रहा है। साथ ही उनकी गाढ़ी कमाई को भी वसूलने का कारोबार चल रहा है। रामगढ़ शहर के कांकेबार में केआरएस मल्टीपल प्रोडक्ट कंपनी के द्वारा ऐसा ही एक धंधा संचालित हो रहा है। इस कंपनी के संस्कारों संचालकों ने रामगढ़ शहर में ही गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा के युवाओं से लाखों रुपए वसूले थे। गुरुवार देर रात एसडीओ आशीष गंगवार के नेतृत्व में सीडीपीओ परमेश्वर प्रसाद और थाना प्रभारी अजय कुमार साहू ने एक रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिसमें 105 युवाओं को बचाया गया। इनमें 62 लड़के और 43 लड़कियां शामिल हैं। सभी लड़कियों को पुलिस ने रात को ही वन स्टॉप सेंटर सखी केंद्र में आश्रय दिया है।
अंधेरे कमरे में बंद हुई सिमडेगा की युवती, तो प्रशासन से की शिकायत
मल्टीप्ल प्रोडक्ट कंपनी का भंडाफोड़ तब हुआ जब सिमडेगा की रहने वाली मायावती कुमारी (27) को कंपनी के लोगों ने एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया। साथ ही उसके मोबाइल को जमा करने की बात भी की जाने लगी। इसी दौरान बड़ी चालाकी से मायावती ने अपने चाचा रक्षित राम को फोन कर अपनी सुरक्षा के गुहार लगाई। साथ ही उनके व्हाट्सएप पर जीपीएस लोकेशन भी शेयर कर दिया। अपनी बच्ची को परेशान देख रक्षित राम ने रामगढ़ जिले के लोगों से संपर्क किया और पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही रामगढ़ एसडीओ आशीष गंगवार, अंचल अधिकारी सत्येंद्र नारायण पासवान, एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद, रामगढ़ थाना प्रभारी अजय कुमार साहू और महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर दल बल के साथ उसे बचाने पहुंचे।
कंपनी के ठिकाने पर पहुंचे अधिकारी तो रह गए दंग
मायावती ने जो लोकेशन शेयर किया था, उस आधार पर जब अधिकारी केआरएस कंपनी के ठिकाने पर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर वे दंग रह गए। तीन कमरे के निर्माणाधीन मकान में 105 लोग मौजूद थे। सभी कमरों की खिड़कियां बंद थी। उनमें लड़के और लड़कियों को इस भीषण गर्मी में ठूंस ठूंस कर रखा गया था। हर तरफ कपड़े से भरे बैग पड़े हुए थे। इस दौरान घर की छत पर सैकड़ो लोग भी अंधेरे में ही बैठे हुए थे। किसी भी कमरे में ना तो कोई बेड था, ना कोई कुर्सी। सभी जगह चटाई और दरी पर ही लड़के और लड़कियां बैठे हुई थे। इतने सारे लोगों के लिए सिर्फ एक बाथरूम था। रसोई घर में भी सिर्फ चावल और दाल मौजूद था।
शिक्षक की नौकरी दिलाने का दिया था झांसा, ठगे थे 25 हजार
अधिकारियों ने जब शिकायतकर्ता मायावती कुमारी से बात की तो उसने पूरे इस गोरख धंधे का खुलासा किया। उसने बताया कि वह मूल रूप से सिमडेगा जिले के रहने वाली है। गुरुवार की सुबह 11 बजे ही उसके चाचा रक्षित राम और मां बसंती बड़ाइक उसे रामगढ़ में छोड़कर गए हैं। केआरएस कंपनी में काम करने वाले लड़के और लड़कियों ने उससे संपर्क किया था। इस दौरान उसे शिक्षक की नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया।
साथ ही ट्रेनिंग के नाम पर उससे 25 हजार रुपए भी ठग लिए गए। मायावती को रामगढ़ में रहने के लिए एक दूसरा स्थान दिखाया गया था, जहां उसे एक सेपरेट रूम देने की बात कही गई थी। लेकिन जब उसके परिजन रामगढ़ से निकल गए तो उसे एक सुनसान इलाके के निर्माणाधीन मकान में ले आया गया। साथ ही उसे ना तो घर से बाहर निकालने की इजाजत थी और ना ही मोबाइल से संपर्क करने दिया जा रहा था।
रहने के लिए दिखाया था पटेल छात्रावास
जिला प्रशासन ने रेस्क्यू किया और इसके बाद मायावती को अपने परिजनों से खुलकर बात करने की इजाजत मिली। बेटी की बात सुनकर परिजन भावुक हो गए। उसके पिता सीताराम बड़ाइक, मां बसंती बड़ाइक और चाचा रक्षित राम ने रात में ही जिला प्रशासन को बधाई दी। शुक्रवार की शाम मायावती का पूरा परिवार रामगढ़ पहुंचा तो यहां के हालात देखकर उन्हें अपने निर्णय पर ही पछतावा होने लगा। चाचा और मां ने बताया कि गुरुवार की सुबह 11 बजे जब वे लोग रामगढ़ आए थे, तो उन्हें पटेल चौक पर स्थित पटेल छात्रावास में बुलाया गया था। यहां उनकी बेटी को पटेल छात्रावास में ही एक कमरा देने और रखने की बात कही थी। उन लोगों ने अपनी बेटी का सामान भी पटेल छात्रावास के हॉल में रखा था। यहीं से कंपनी के लोगों ने उनको वापस भेज दिया और कहा कि इसके बाद आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं। लेकिन 12 घंटे भी नहीं बीते कि उनकी बेटी पर शोषण शुरू हो गया।