लोकसभा में बीजेपी के बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाने की संभावना पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें ऐसा होने की संभावना नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि बीजेपी को प्लान बी की जरूरत नहीं है। यह पूछे जाने पर कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में 272 से कम सीटें जीतती है तो उसकी क्या रणनीति होगी, अमित शाह ने कहा, “मुझे ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही है। 60 करोड़ लाभार्थियों की एक सेना पीएम मोदी के साथ खड़ी है, उनकी कोई जाति या आयु समूह नहीं है…जिन्हें ये सभी लाभ मिले हैं, वे जानते हैं कि नरेंद्र मोदी क्या हैं और क्यों 400 देना चाहिए”।
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, जब अमित शाह से बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंचने की स्थिति में बीजेपी के प्लान बी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी का प्लान ए सफल होगा। उन्होंने कहा कि प्लान बी तभी बनाना चाहिए जब प्लान ए (सफल होने) की संभावना 60% से कम हो। मुझे यकीन है कि पीएम मोदी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आएंगे। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के सबसे बड़े समर्थक हैं।
भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि कांग्रेस ‘उत्तर-दक्षिण विभाजन’ पैदा करने की कोशिश कर रही है, अमित शाह ने कहा कि भाजपा केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में संयुक्त रूप से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि यह एक अलग देश है तो यह बेहद आपत्तिजनक है…इस देश का अब कभी बंटवारा नहीं हो सकता।’ कांग्रेस पार्टी के एक कद्दावर नेता ने उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की बात कही और कांग्रेस पार्टी इससे इनकार भी नहीं करती या खुद को इस बयान से अलग नहीं करती।