नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत ने दो वर्षों में 40 से अधिक क्वांटम प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप का उत्पादन किया है, उनमें से कुछ वैश्विक क्षमता वाले हैं। भारत ‘दुनिया की स्टार्टअप राजधानी’ बन रहा है। साल 2014 से पहले इसकी संख्या कुछ ही थी जो साल 2024 में बढ़कर 1.25 लाख से अधिक हो गया है और 110 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट काम कर रहे हैं।
शनिवार को नई दिल्ली में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को प्रमुख राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर ध्यान केंद्रित करने और क्वांटम प्रौद्योगिकियों और क्वांटम संचार के विकास पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकियों के मामले में भारत वर्तमान में अन्य देशों के साथ बराबरी पर है। हमारा मिशन और दृष्टिकोण क्वांटम प्रौद्योगिकियों के मामले में भारत को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना होना चाहिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में स्टार्टअप और निजी क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ‘आईआईटी मद्रास’ द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘क्यूएनयू लैब्स’ की सफलता की कहानी साझा की।
महिला वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को बढ़ावा देने पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में एक्स्ट्रामुरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हो गई है”। उन्होंने हाल ही में उनके द्वारा उद्घाटन किए गए ‘कॉमन फेलोशिप पोर्टल’ का जिक्र करते हुए कहा कि लगभग 300 महिला वैज्ञानिकों को एस्पायर योजना के तहत सरकार से 03 वर्षों के लिए अनुसंधान अनुदान प्राप्त होने जा रहा है।