कोलकाता । घर में गिरने की वजह से चोट लगने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रविवार से लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है।
कृष्णानगर में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और घूस लेकर संसद में सवाल पूछने की वजह से बर्खास्त की गई नेता महुआ मोइत्रा के लिए ममता बनर्जी ने धुबुलिया में सभा की। यहां से ममता बनर्जी ने कहा, अगर ईडी या सीबीआई को बुलाया जाए तो अभी जाने की जरूरत नहीं है। मतदान संपन्न होने के बाद जाइए। घर में गिरने के बाद उनके माथे पर टांके लगे थे जो अब ठीक हो गए हैं। यहां धूप में ममता ने 45 मिनट तक भाषण दिया।
उन्होंने कहा कि इतना डरने की जरूरत नहीं है। अगर ईडी या सीबीआई किसी को पत्र भेजे तो जवाब देना, ”अभी मैं वोटिंग में व्यस्त हूं। हम मतदान के बाद देखेंगे।” बैठक की शुरुआत से ही उन्होंने केंद्रीय निकाय के एक के बाद एक समन और तलाशी का विरोध किया। चुनाव की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, वोटिंग के दौरान ये सब नहीं किया जा सकता।
कैबिनेट में मंत्री अरूप विश्वास के भाई स्वरूप विश्वास के घर इनकम टैक्स के अधिकारियों की छापेमारी का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि तीन दिनों तक इनकम टैक्स अधिकारियों की वजह से घर के लोग बाथरूम तक नहीं जा सके। घर में बच्चे थे लेकिन कोई शिष्टाचार नहीं निभाया गया। वे 16 अधिकारियों की टीम लगातार खाना ऑर्डर करते रहे जिसका बिल 25 हजार रुपये है।
ममता ने यह भी कहा, ”अगर आप बंगाल में ”400 के पार” को लेकर इतने आश्वस्त हैं, तो आपको यहां इतने सारे ईडी, सीबीआई क्यों भेजने की जरूरत है?” राज्य के अधिकारियों का तबादला क्यों कर रहे हैं? भाजपा को किस बात का डर है? इतनी बड़ी राजनीतिक पार्टी वे केवल ईडी, सीबीआई, आयकर भेजते हैं और गरीब लोगों से पैसा लेते हैं।