सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार से फिर काम में जुट गया है। इस दौरान NEET परीक्षा समेत कई अहम याचिकाओं पर अदालत ने सुनवाई की। इसी बीच कोर्ट के सामने कुछ याचिकाएं ऐसी भी आईं, जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच बुरी तरह भड़क गई और उन्हें खारिज कर दिया।
सोमवार को कोर्ट के सामने एक PIL आई, जिसमें मांग की गई थी कि राष्ट्रीय पार्टियों को स्थानीय चुनाव लड़ने से रोक लगाई जाए। बार एंड बेंच के अनुसार, CJI की अगुवाई वाली बेंच इस याचिका पर सख्त नजर आई। कोर्ट ने कहा, ‘यह कैसी PIL है? आप इसे वापस ले सकते हैं और आपके पास मौजूद अन्य उपाय कर सकते हैं। आप अनुच्छेद 32 के तहत कैसे इसे ला सकते हैं।’
याचिका देखकर हंसे जज
अदालत का सामना साइबर आतंकवाद से जुड़ी एक PIL से भी हुआ। इसे देखकर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जब हम सोमवार और शुक्रवार को आपकी तरफ से दाखिल PILs सुनते हैं, तो हमें कुछ हास्यपूर्ण राहत मिलती है। आज आपके पास कानून हैं और इन सब मामलों से निपटने के लिए सरकार भी है। यह न्यायपालिका के क्षेत्र में नहीं आता है।’
बुरी तरह भड़के जज
सड़कों की खराब हालत को लेकर दाखिल एक PIL पर जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह सुनवाई कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, याचिका पर सुनवाई से पहले ही कोर्ट ने पूछा कि क्या इस संबंध में लागू करने के लिए कोई कानून है। कोर्ट ने कहा, ‘आप वास्तव में कहना क्या चाहते हैं? इसके लिए कानून कहां है?’
कोर्ट ने आगे कहा, ‘इसका मतलब क्या है? कृपया बताएं। हम आपका होमवर्क कर समय खराब नहीं करना चाहते हैं। आपने कानून का प्रावधान बताए बगैर एक बड़ा सवाल उठाया है।’ बाद में याचिका वापस ले ली गई।