हरिद्वार । शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि 22 जनवरी का दिन सभी सनातनियों के लिए उत्सव और उल्लास का दिन है। इस दिन को सभी सनातनियों को श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाना चाहिए। पांच सौ वर्षों के लम्बे समय के बाद व सैंकड़ों प्राणों की आहूतियों के बाद यह दिन हम सबको देखने को मिलेगा। हम सब परम सौभाग्यशाली हैं, जो इस दिन के साक्षी बनेंगे।
आगामी 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को सबसे श्रेष्ठ दिन बताते हुए शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि जिस प्रकार से 14 वर्षों के बनवास के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे तथा उनके आगमन की खुशी में जिस प्रकार उत्सव मनाया गया था, वहीं दिन अब 22 जनवरी को आ रहा है। इसलिए हमें उसी तरह से भगवान के अपने भव्य व दिव्य मंदिर में विराजमान होने पर पूरे देश में उत्सव मनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रीराम हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की पहचान हैं। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार से भगवान श्री राम के चरण स्पर्श मात्र से अहिल्या का उद्धार हुआ था। उसी प्रकार से भगवान के अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से भारत और यशस्वी व पराक्रमी होकर विश्व के पटल पर छाने लगेगा।