नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय से विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को एकनाथ शिंदे गुट और महाराष्ट्र विधानसभा के सभापति को नोटिस जारी किया था। उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देने के फैसले को चुनौती दी है।
महाराष्ट्र के स्पीकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में कहा था कि जून, 2022 में शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नहीं माना जा सकता है। इस आधार पर सुनील प्रभु को शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं था। जो बैठक बुलाई गई थी उसमें भी व्हाट्स ऐप के जरिये 12 घंटे से भी कम का समय दिया गया था। सभापति ने निर्णय दिया था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति सही थी।
उद्धव ठाकरे गुट ने 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 7 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की बीच हुई मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। हलफनामे में कहा गया था कि मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले विधानसभा अध्यक्ष का उनसे मिलना गलत है।