सूरत । सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर हॉस्पिटल राज्य का पहला पेपरलेस अस्पताल बनेगा। हॉस्पिटल इंटिग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) के तहत स्मीमेर हॉस्पिटल को पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा। इसका सबसे अधिक फायदा मरीजों को होगा, जिन्हें कतार में खड़ा होने से मुक्ति मिल जाएगी। डॉक्टरों को भी पेपरवर्क प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और मरीजों की पूरी जानकारी उन्हें कम्प्यूटर पर मिलेगी। सूरत महानगर पालिका स्मीमेर हॉस्पिटल को 40 करोड़ रुपये के खर्च से पेपरलेस करेगी। महानगर पालिका सूत्रों के अनुसार स्मीमेर हॉस्पिटल को टोकन डिस्पेंसर मशीन समेत अन्य कई सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसके अलावा हॉस्पिटल में ओपीडी से लेकर केस खिड़की, डिस्पेंसरी विभाग में भी एलईडी लगाए गए हैं। पूरे सिस्टम को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। महानगर पालिका की हॉस्पिटल कमेटी की चेयरमैन मनीषा आहीर ने बताया कि एचआईएमएस के तहत मरीजों को कतार से मुक्ति मिलेगी। मरीज जब भी हॉस्पिटल आएंगे तो सबसे पहले उन्हें टोकन डिस्पेंसर से टोकन लेना रहेगा। टोकन लेने के बाद उन्हें कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। मरीजों के लिए वेटिंग लॉन्ज रहेगा, जहां बैठने की सुविधा रहेगी। टोकन नंबर आने के बाद मरीज को खिड़की से हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। टोकन नंबर लेकर मरीज को सीधे ओपीडी में जाना रहेगा। ओपीडी में मरीज को सीधे डॉक्टर के पास जाने का अवसर मिलेगा। यहां डॉक्टर मरीज की जांच के बाद उसके इलाज संबंधी जानकारी को कम्प्यूटर में अपलोड कर देगा। इस तरह मरीज की पूरी जानकारी स्टोर कर लिया जाएगा। जरूरत के हिसाब से मरीज को दवा दी जाएगी। या फिर किसी अन्य विभाग में रेफर करने की जरूरत होगी तो वहां भेजा जाएगा। यह सारी प्रक्रिया भी कम्प्यूटराइज्ड होगी।
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