जयपुर । सोलहवीं राजस्थान विधान सभा का द्वितीय सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा। सत्र के दौरान विधानसभा की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। लोकसभा चुनावों में जीत के बाद प्रतिपक्षी कांग्रेस के उत्साह को देखते हुए सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। मानसून सत्र में दस जुलाई को भजनलाल सरकार अपना पहला पूर्ण बजट भी पेश करेगी।
सत्र के दौरान कांग्रेस अपने तीखे तेवरों के साथ भाजपा सरकार को प्रदेश में नीट परीक्षा, महंगाई, बेरोजगारी, पेपरलीक मामले की जांच, बिजली-पानी की किल्लत, कानून-व्यवस्था, महिलाओं पर अपराध के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार की समीक्षा के नाम पर उनकी योजनाओं को बंद करने आदि मुद्दों पर घेर सकती है। प्रदेश में अफसरों की कार्यशैली को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधने की तैयारी है। इसके अलावा कांग्रेस के नेता भाजपा सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप भी लगा सकते हैं।
इधर, भाजपा सरकार ने भी सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। हाल ही भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए नए जिलों, संभागों और कॉलेजों की समीक्षा का आदेश दिया था। कांग्रेस चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद करने का आरोप भाजपा सरकार पर लगातार लगा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बिना योजना के महज चुनावी फायदा लेने के मकसद से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ये फैसले लिए थे, इसलिए इनकी समीक्षा जरूरी है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि विधानसभा सत्र में सबसे पहला मुद्दा नीट का रहेगा। चुनाव में भाजपा ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं, हम सरकार को उसकी विफलताओं पर घेरेंगे। इस सरकार में छह महीनों में ही दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। महिला-बच्चियों के खिलाफ तेजी से अपराध बढ़े हैं। पूरे प्रदेश में अलग-अलग तरह के माफिया पनप गए हैं, जो लोगों को टॉर्चर कर रहे हैं। सरकार की तरफ से कार्रवाई नहीं की जा रही है। सीएम के गृह जिले में अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा।
बजट सत्र की तैयारियों को लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हम विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए और राजस्थान की जनता के कल्याण के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।