नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान देने और उन्हें नियमित किए जाने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से प्रदेशभर में सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा सहित दैनिक वेतन कर्मचारियों का डाटा एकत्र करके तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई मई में होगी। वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि वे पिछले कई वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा। इस मामले में पहले एक एकलपीठ ने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने और नियमित करने का आदेश दिया था। बाद में राज्य सरकार ने इस आदेश को खण्डपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास यह पद स्वीकृत नही हैं और न ही सरकार के पास इन्हें न्यूनतम वेतन देने का बजट है। इस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों व आउट सोर्स के माध्यम से लगे कर्मचारियों की लिस्ट पेश करने का आदेश दिया है ताकि उनके भविष्य के लिए कोई नीति बनाई जा सके।
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