नई दिल्ली : 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव आयोग शनिवार दोपहर तीन बजे चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। संभावना है कि 543 सीटों के लिए सात या आठ चरणों में मतदान कराया जाएगा। आयोग कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकता है।
मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। इससे पहले, नई लोकसभा का गठन करना अनिवार्य है। ओडिशा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश व अरुणाचल प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल भी जून में खत्म हो रहा है। इन राज्यों में चुनाव तारीखों की भी घोषणा होगी। अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड परीक्षा, त्योहार व सुरक्षाकर्मियों की उपलब्धता को देखते हुए तारीखें तय की जाएंगी।
गौरतलब है कि पिछले चुनाव में भाजपा 303 व कांग्रेस 52 सीटों पर जीती थी। कांग्रेस लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर दावा करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं जुटा सकी थी। लिहाजा, इस चुनाव को विपक्षी गठबंधन के लिए करो या मरो की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
सात चरणों में हुआ था पिछला आम चुनाव
2019 में चुनाव की तारीखों का एलान 10 मार्च को हुआ था। मतदान सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराया गया, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान हुआ था। वहीं, 22 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशाें में एक ही चरण में वोट पड़े थे। 2014 में चुनाव की तारीखों की घोषणा 5 मार्च को हुई थी। 7 अप्रैल से 12 मई तक 9 चरणों में चुनाव हुए थे। 16 मई को परिणाम घोषित किए गए थे।
97 करोड़ मतदाता कर सकेंगे अपने हक का उपयोग
इस चुनाव में करीब 97 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। देशभर में 12 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। आयोग के अनुसार, मतदाता सूची में 18 से 29 साल की उम्र वाले दो करोड़ नए मतदाता जोड़े गए हैं।
ईवीएम से ही चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर विचार से शुक्रवार को इन्कार कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, यह कोर्ट पहले ही कई बार इसकी जांच व ईवीएम से जुड़े कई मुद्दों पर विचार कर चुकी है। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, हम कितनी याचिकाओं पर विचार करेंगे? हाल में, हमने वीवीपीएटी से जुड़ी याचिका पर विचार किया था। हम धारणाओं पर नहीं चल सकते। हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक बिंदु हैं। अनुच्छेद-32 के तहत हम इस पर विचार नहीं कर सकते। जस्टिस खन्ना ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर 10 से अधिक बार परीक्षण किया है