कई लोगों का मानना होता है कि योग सिर्फ व्यायाम है। लेकिन आपको बता दें कि योग महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। क्योंकि यह न सिर्फ आपको शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी मजबूती देता है। रोजाना योग करने से व्यक्ति सेहतमंद बना रहता है। इससे मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर लचीला बनता है। वहीं महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
वहीं आजकल की जिंदगी में हर किसी को तनाव होता है। वहीं यदि आप अपनी डेली रूटीन में प्राणायाम और योगासन को शामिल करती हैं, तो तनाव, डिप्रेशन और घबराहट कम करने में सहायता मिलती है। योग हार्मोन्स को बैलेंस करता है, जिससे प्रजनन स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है। इससे पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और शरीर को आसानी से पोषक तत्व मिलते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको सात दिन का आसान योग प्लान बताने जा रहे हैं, जो लगभग हर महिला की उम्र को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
पहला दिन
पहले दिन की शुरूआत सूर्योदय के साथ हठ योग से करें। इस दौरान गहरी सांस लेते हुए शरीर को हल्का स्ट्रेच करें।
रात को सोने से पहले विपरीत करणी, सेतुबंधासन और बालासन कर तनाव को दूर कर आरामदायक नींद पाएं।
दूसरा दिन
सूर्य नमस्कार कर अपने शरीर को वॉर्मअप करें। इसके बाद नौकासन, प्लैंक और डॉल्फिन प्लैंक जैसे पोज करें। इससे आपके मसल्स की मजबूती बढ़ेगी।
इसके बाद शाम को कपालभाति और अनुलोम-विलोम जैसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इससे आपका मन शांत होगा और तनाव कम होगा।
तीसरा दिन
तीसरे दिन की शुरूआत विन्यास योग से करनी चाहिए। इस आसन को करने के दौरान सांसों और आसन को मिलाते हुए विभिन्न गतिविधियां की जाती हैं। इससे आपका शरीर लचीला होने के साथ संतुलित होता है। आप त्रिकोणासन, वीरभद्रासन और वृक्षासन का भी अभ्यास कर सकती हैं।
वहीं शाम के समय यिन योग या हल्के स्ट्रेच कर मांसपेशियों की अकड़न को कम करें और अपने जोड़ों को लचीला बनाएं। इस दौरान बटरफ्लाई, ड्रैगन और कैटरपिलर जैसे आसनों में ज्यादा से ज्यादा रुकने का प्रयास करें।
चौथा दिन
चौथे दिन की शुरूआत यिन-यांग योग से करना चाहिए। इस आसन में एक्टिव पोज और पैसिव स्ट्रेच को मिलाया जाता है, जो शरीर की एनर्जी को बैलेंस कर शरीर को आराम देता है।
वहीं शाम को ध्यान लगाने और मन को शांत रखने के लिए कुछ समय निकालें। शुरूआत में बैठकर सिर्फ ध्यान करें और अपनी सांसों पर ध्यान दें। ध्यान लगाने से न सिर्फ आंतरिक शांति बल्कि करुणा की भावना भी पैदा होती है।
पांचवां दिन
इस दिन पावर योग का अभ्यास कर शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाएं। इससे सहनशक्ति बढ़ेगी। इस दिन चेयर पोज से लेकर क्रिसेंट लंज और अधोमुखश्वानासन जैसी डायनेमिक सीक्वेंस को एड करें।
फिर रात को सोने से पहले योग निद्रा या गाइडेड रिलैक्सेशन प्रैक्टिस करनी चाहिए। जिससे कि आपका शरीर और दिमाग रिलैक्स फील कर अच्छी नींद आ सके।
छठा दिन
छठे दिन की शुरूआत भुजंगासन, सेतुबंधासन और बितिलासन जैसे आसनों से करनी चाहिए। इससे पीठ की मांसपेशियां और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है और कमर दर्द में राहत मिलती है। साथ ही आपके शरीर का पोस्चर भी ठीक रहता है।
रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने और तनाव को कम करने के लिए अर्द्ध मत्स्येंद्रासन और पश्चिमोत्तानासन करना चाहिए।
सातवां दिन
वहीं सप्ताह के आखिरी दिन शरीर को मजबूत और लचीला बनाने के लिए विभिन्न आसनों का अभ्यास करना चाहिए। इस दिन आप बैठकर किए जाने वाले स्ट्रेच और उल्टे होकर किए जाने वाले आसन और खड़े होकर संतुलन बनाने वाले आसन कर सकती हैं। इससे आपका दिमाग भी चुस्त रहता है।