भोपाल । मध्यप्रदेश में दूसरे दिन मंगलवार को ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का असर जरूरी सेवाओं पर दिखाई देने लगा है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित अन्य जिलों में दूध से लेकर सब्जी और किराना सप्लाई कम हुई। स्कूल-कॉलेज बसें बंद रहने से स्टूडेंट्स और पेरेंट्स परेशान हुए।
राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में स्कूल बसें नहीं चलने से कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। कुछ स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस लगी हैं। यात्री बसें बंद होने से लोग परेशान हो रहे हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल डीजल उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन देर रात तक पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। उमरिया में प्रशासन ने वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल देने की लिमिट तय कर दी है। इंदौर से पुलिस के पहरे में पेट्रोल-डीजल खंडवा भेजा जा रहा है। कई जगह सब्जी और अनाज मंडियां बंद हैं।
खंडवा में डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहनों के ड्राइवर ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। खंडवा में चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं पेट्रोलियम एसोसिएशन ने सोमवार रात सांसद, कलेक्टर और एसपी को पेट्रोल-डीजल की किल्लत से अवगत कराया था। उन्होंने बताया कि ड्राइवरों की हड़ताल अभी नहीं थमेगी। जिसके बाद खंडवा से 17 खाली गाड़ियां इंदौर के मांगलिया डिपो भेजी गई। मंगलवार सुबह सभी गाड़ियां पुलिस बल के संरक्षण में खंडवा के लिए रवाना हो गई हैं।
जबलपुर में ड्राइवरों का आरोप है कि बस मालिक अफवाह फैला रहे हैं कि आज से हड़ताल खत्म हो गई है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। बस मालिक घर-घर जाकर ड्राइवरों को धमका रहे हैं कि तुम्हें नौकरी से निकाल देंगे। सोमवार को बस मालिकों ने बैठक करके निर्णय लिया कि मंगलवार से बसें चलेंगी, पर कोई भी ड्राइवर बस चलाने को तैयार नहीं है। मंगलवार सुबह भी कोई बस आईएसबीटी से नहीं निकली।