देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा सत्र की कार्यवाही आज शुरू हो गई है। विधानसभा में समान नागरिक संहिता (सीसीसी) बिल को लेकर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। धामी सरकार सीसीसी को राज्य में लागू करने की प्रक्रिया के तहत विधानसभा के पटल पर रखने के लिए सत्र बुलाई है। भाजपा का कहना है कि अपने घोषणा पत्र में सीसीसी को लाने के लिए वायदा किया था और उसी के अनुरूप अब जनहित में सीसीसी को सदन में रखा जाएगा ताकि उत्तराखंड में सीसीसी को लागू किया जा सके। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसका का विरोध कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि सीसीसी अगर जनहित में भाजपा ला रही है तो जनता को पता होना चाहिए कि उस बिल में क्या है। कॉमन सिविल कोड (सीसीसी) से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान। यह लागू करने से पहले भाजपा सरकार को जनता को बताना चाहिए। हालांकि कांग्रेस के तमाम नेता इस बात को कहते नजर आ रहे हैं कि कॉमन सिविल कोड का ड्राफ्ट जब उनको मिल जाएगा, तब वह इसका अध्ययन करने के बाद अपनी बात को सरकार के सामने रखेंगे। खानपुर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार भी सीसीसी को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सीसीसी बिल जनता के हित में नहीं है और जनता के हित में होता तो सरकार पहले सीसीसी को जनता के सामने रखती उसके बाद ही सदन में लाती।
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