नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों का दौर चल रहा है. गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले दल चाह रहे हैं कि जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा हो जाए, ताकि तैयारियों को धार दिया जा सके. लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, आरजेडी, टीएमसी, आम आदमी पार्टी जैसे दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया है. हालांकि, अभी तक इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारा नहीं हो पाया है, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस से नाराज चल रही है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने 13 फरवरी को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में गोवा, हरियाणा और गुजरात की लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला किया जाएगा. आम आदमी पार्टी सीट शेयरिंग में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस से नाराज भी चल रही है. आप का कहना है कि सीटों का बंटवारा जल्द से जल्द होना चाहिए, ताकि चुनावी रणनीति बनाई जा सके और चुनाव प्रचार की शुरुआत हो सके.
असम की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों का किया ऐलान
जहां एक ओर आप उत्तर भारत के राज्यों में सीट बंटवारे का इंतजार कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर पूर्वोत्तर में उसने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करना शुरू कर दिया है. पार्टी ने गुरुवार (8 फरवरी) को गुवाहाटी समेत असम की तीन सीट के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया. असम में लोकसभा की 14 सीटें हैं. आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं और हमें उम्मीद है कि गठबंधन हमारे फैसले को स्वीकार करने वाला है.
उन्होंने कहा कि चुनाव में कम समय बचा हुआ है. इस वजह से हर काम में तेजी लाने की जरूरत है. कई महीनों से सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी. लेकिन किसी भी तरह का नतीजा सामने नहीं आया. उन्होंने कहा कि हमने चुनाव लड़ने और जीतने का फैसला किया है. इस तरह पंजाब के बाद असम दूसरा राज्य बन गया है, जहां इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई है. पंजाब में आप ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
इन राज्यों में सीट बंटवारे पर मंथन
यहां गौर करने वाली बात ये है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पहले कहा था कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में सीट बंटवारे पर कांग्रेस संग बातचीत चल रही है. बताया जा रहा है कि दिल्ली और पंजाब में सीट बंटवारे पर चर्चा रुकी हुई है. पंजाब में तो खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान कर दिया कि राज्य में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. पंजाब कांग्रेस नेता भी ऐसा ही चाहते हैं. दिल्ली में अभी तक सीट बंटवारे पर जानकारी नहीं मिल पाई है.