Heatwaves Alert: इस सीजन गर्मी अपना विकराल रूप दिखा सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस गर्मी में सामान्य से अधिक तापमान और 20 दिनों तक चलने वाली लू की आशंका जताई है. इन सबके बीच एक स्टडी में सामने आया है कि हीट आइलैंड प्रभाव के कारण शहरी क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं. सड़कों, उद्योगों और अन्य बुनियादी ढांचे के साथ-साथ घनी दूरी वाली, ऊंची इमारतें सौर विकिरण को अवशोषित करती हैं और गर्मी को फिर से उत्सर्जित करती हैं, जिससे शहर आसपास के क्षेत्रों की तुलना में कई डिग्री अधिक गर्म हो जाते हैं.
अब इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कई भारतीय शहर हीट आइलैंड प्रभाव से लड़ने के लिए शॉर्ट टर्म उपायों पर विचार कर रहे हैं. टाउन प्लानर्स का मानना है कि ये उपाय मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि धरती बहुत तेजी से गर्म हो रही है. बता दें कि पिछले दिनों हीटवेव को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी और हालात की समीक्षा की थी. पीएम ने बैठक में आदेश देते हुए राज्य और जिला स्तर पर सरकारी एजेंसियों और तंत्रों को एक साथ मिलकर काम करने को कहा था.
अहमदाबाद में किए जा रहे सबसे ज्यादा उपाय
शहरों की ओर से किए गए कुछ उपायों पर नजर डालें तो मदुरै के हाई-फुटफॉल वाले एरिया में हेल्थ चेकअप कैंप आयोजित करना, भुवनेश्वर के अस्पतालों में स्पेशल कूल वॉर्ड और नागपुर में ट्रैफिक की रोकथाम को कम करने जैसे उपाय शामिल हैं. अहमदाबाद और जोधपुर जैसे कुछ शहरों ने भी लागत प्रभावी उपायों के उपयोग की वकालत की है, जैसे ठंडी छतें (जो कम गर्मी को एब्जॉर्ब्ड करने के लिए सफेद कोटिंग या टाइल्स का उपयोग करती हैं) और हरी छतें (वनस्पति से ढककर बनाई जाती हैं) घरों के ताप को कम करती हैं.
इस तरह के अहमदाबाद में सबसे ज्यादा उपाय किए जा रहे हैं. यहां कोहरे को हटाने वाले स्प्रिंकलर को लगाया गया है. अधिक गर्मी होने पर इससे पानी का छिड़काव किया जाएगा. अहमदाबाद का मिस्ट डिस्पेंसर, भारतीय संदर्भ में काफी अनोखा है. यहां शहर के हीट एक्शन प्लान (एचएपी) का विस्तार है, जो 2013 से लागू है. 2010 में लू के कारण 1,300 लोगों की मौत के बाद अहमदाबाद दक्षिण एशिया का पहला शहर था जिसने विशेष रूप से खराब स्थिति के बाद ऐसी योजना बनाई थी.
200 से अधिक शहरों ने तैयार किया हीट एक्शन प्लान
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, अहमदाबाद के नक्शेकदम पर चलते हुए 200 से अधिक शहरों और जिलों ने अब हीट एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसने फरवरी में तैयारियों की समीक्षा की थी. उदाहरण के लिए, ठाणे में नगर पालिका ने तापमान पर ह्यूमिडिटी के प्रभाव की मात्रा निर्धारित की.
इन उपायों पर अमल करना भी जरूरी
राजश्री कोठाकर, जिन्होंने इस साल की एनडीएमए कार्यशाला में शहरों के लिए एक मॉडल हीट एक्शन प्लान की रूपरेखा भी प्रस्तुत की, ने कहा कि देश के कई हिस्सों में एचएपी को अब शहर के सबसे कमजोर क्षेत्रों को पहचानते हुए इन्हें अपडेट करने की जरूरत है. उन्होंने विभिन्न शहरों के लिए स्वास्थ्य-आधारित सीमाएं निर्धारित करने के लिए आबादी को शामिल करने वाले सर्वेक्षण और अध्ययन की भी वकालत की.