कई बार खाना ज्यादा खाने के बाद लोगों का पेट फूलने, गैस, अपच, बदहजमी, खट्टी डकार आने की समस्या शुरु हो जाती है। इन समस्याओं से परेशान होकर लोग दवाईयों का सहारा लेते हैं। लेकिन बार-बार दवाई खाने से काफी नुकसान हो सकता है। दरअसल, आपके किचन में ही कई ऐसी काम की पौष्टिक और फायदेमंद चीजें मौजूद हैं जो पेट से संबंधित कई समस्याओं को दूर कर सकती है। आमतौर पर लोग खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर सौंफ, छोटी इलायची चबाते हैं। क्या आपको पता है कि अजवाइन, जीरा, सौंफ को यदि एक साथ चबाएं तो ये पेट में जाते क्या-क्या कमाल कर सकते हैं? नही पता तो हम इस लेख में बताएंगे इसके फायदे।
अजवाइन, जीरा और सौंफ चबाने के फायदे
- इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, सौंफ, जीरा, अजवाइन को चबाने से खाना आसनी से पच जाता है। इतना ही नहीं, इससे पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती है। पाचन को सही रखने के लिए ये तीनों ही चीजें बेहद फायदेमंद होती है।
- सांस की दुर्गंध की समस्या होने पर भी सेवन करना चाहिए। इनको खाने से बहुत ही लाइट महसूस होता है। वैसे तो पाचन संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह की दवाइयां मौजूद हैं लेकिन इन नेचुरल हर्ब्स के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता है।
-अजवाइन, जीरा और सौंफ चबाने से डाइजेस्टिव सिस्टम को जबरदस्त तरीके से फायदा पहुंचाते हैं। इनमें अग्निवर्धक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो गैस बाहर निकाल कर ब्लोटिंग की समस्या से छुटकारा दिलाती हैं।
- अजमाइन में थाइमॉल कम्पाउंड होता है जो एंटीस्पैस्मोडिक गुण से भरपूर होता है। यह डाइजेस्टिव मसल्स को रिलैक्स करता है। क्रैम्प दूर करता है, जीरा डाइजेस्टिव एजाइंम्स के प्रोडक्शन को स्टिम्यूलेट करता है। वहीं ये भोजन को तोड़कर उसमें मौजूद पोषक तत्वों को सही से एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। इसमें फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है ये बाउल मूवमेंट सही बनाए रखता है और कब्ज दूर करता है।
- अजवाइन के बीज में एंटीमाइक्रो प्रॉपर्टीज भी होती हैं जो पेट की सेहत को सही रखती है। जीरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते है जो पेट संबंधित समस्याएं को ठीक करने में मदद करता है। सौंफ में प्राकृतिक रुप से एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान से बचाते हं।
कितनी मात्रा में सेवन करना सहीं है
आप इन तीनों बीजों के एक साथ 1 छोटा चम्मच यानी लगभग 5 ग्राम सेवन कर सकते हैं। इसे आप बराबर मात्रा में ले। शुरुआत में कम मात्रा में ही सेवन करें ताकि कोई समस्या न हो। इसके बाद अपनी समस्या के अनुसार बढ़ा सकते हैं। बता दें कि, इन बीजों का रेगुलर सेवन करने से पहले आप एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। अगर आप प्रेग्नेंट हों या फिर शिशु को ब्रेस्टफीड कराती हों। अधिक सेवन से बचें वरना पेट की समस्या ठीक होने की बजाय बढ़ भी सकती है।