देहरादून । धामी सरकार उत्तराखंड की विश्व पटल पर सशक्त पहचान बनाने के लिए देवभूमि के तीर्थाटन-पर्यटन की ब्रांडिंग करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और पहल की है। अब बिना पंजीकरण चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को चारधाम से इतर अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। इन यात्रियों को चारधाम यात्रा में नंबर आने तक दूसरे तीर्थ और पर्यटक स्थल से जोड़ने की पहल उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी।
उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता परिपूर्ण होने के साथ धार्मिक आस्थाओं का गढ़ भी है। पर्यटन के लिहाज से यह बेहद समृद्ध है। यही कारण है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक उत्तराखंड की सैर करने आते हैं। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। मान्यता है कि यहां के कण-कण में देवताओं का निवास है। चारों तरफ हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरे उत्तराखंड में चारधाम हैं, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि बड़ी संख्या में ऐसे यात्री भी उत्तराखंड आ रहे हैं, जिनका चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं हुआ है। ऐसे यात्रियों के लिए पुलिस और पर्यटन विभाग मिलकर चारधाम से इतर अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन कराएंगे।
दरअसल, चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण में यात्रियों की संख्या 30 लाख के पार हो चुकी है। हर धाम में अब तय मानक से दोगुने तक यात्री पहुंच रहे हैं। ऐसे में ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर भी 31 मई तक बंद कर दिए गए हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री समेत चारों धामों के लिए श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगानी पड़ी है।
उत्तराखंड के प्रति लगाव बढ़ाने के साथ देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों को कोई भी परेशानी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड आने वाला हर यात्री प्रदेश का अतिथि है। उन्होंने ड्यूटीरत सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को अतिथि देवो भव: के साथ आतिथ्य सत्कार करने को कहा है। इससे विश्व फलक उत्तराखंड के प्रति देश-दुनिया की रुचि बढ़ेगी। शासन-प्रशासन के प्रति भी अच्छा संदेश जाएगा।