भोपाल। बावड़िया कला स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) भोपाल में सोमवार को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सीएम राइज विद्यालय और कन्या शिक्षा परिसर के बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा और प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय आयोजन में प्रदेश के 23 जिलों से 550 से अधिक प्राचार्य और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान (आर.आई.ई) भोपाल के विषय विशेषज्ञों और पिरामल फाउंडेशन के सदस्यों ने प्रशिक्षण प्रदान किया।
‘सफलता का अपना फॉर्मूला तैयार करें’
प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य डॉ ई रमेश कुमार कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जनजातीय सीएम राइज विद्यालयों और अन्य विद्यालयों में विद्यार्थियों को अच्छा परिवेश प्रदान करना प्राचार्य का कर्तव्य है। किसी विद्यालय में फ्रेंडली और इनफॉर्मल माहौल होने से वहां अपेक्षाकृत बेहतर परीक्षा परिणाम देखने को मिलते हैं। आप इसे चैलेंज के रूप में लें और अपनी आवश्यकताओं व परिस्थिति के अनुसार सफलता का अपना फॉर्मूला तैयार करें।
उन्होंने कहा कि विभाग के ही कन्या शिक्षा परिसर से पढ़कर हमारे विभाग में आईएएस बनकर उपसचिव पदस्थ मीनाक्षी सिंह आप सब के लिए एक उदाहरण हैं। क्योंकि उस समय उनकी प्रिंसिपल घर-घर जाकर छात्राओं को पढ़ाती थीं, उनका एडमिशन करवाती थीं। आज उनकी पढ़ाई ज्यादातर छात्राएं अच्छे पदों पर हैं। उनके देहांत के बाद भी आज हम उन्हें याद कर रहे हैं। इस तरह एक प्राचार्य और शिक्षक अपने जीवन के बाद भी सदैव मिसाल बना रहता है। उन्होंने शत प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने वाले प्राचार्यों को बधाई भी दी।
‘असेंबली में न्यूजपेपर पढ़वाती थीं प्राचार्य’
जनजातीय कार्य विभाग की उपसचिव मीनाक्षी सिंह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और कहा कि 30 वर्ष पूर्व जब मैं विभाग के कन्या शिक्षा परिसर कुक्षी में पढ़ती थीं। वहां से लेकर इस विभाग में आईएएस बन उपसचिव पद तक पहुंचने का श्रेय तत्कालीन प्राचार्य प्रभा जोशी मैम को जाता है। तब वे प्रार्थना सभा में खड़ा कर हमसे न्यूजपेपर और पत्रिकाओं की खबरें पढ़वाती थीं। इससे हमारा सामान्य ज्ञान बढ़ा। तब खबर पढ़ने का ही यह नतीजा है जो आज मैं आपके सामने खड़े होकर बोल पा रही हूं। इस तरह एक शिक्षक या प्राचार्य का छोटा सा प्रयास भी बड़ी परिवर्तन या सफलता के रास्ते खोल सकता है। इसलिए आप सभी पर जनजातीय विद्यार्थियों की सफलता का महत्वपूर्ण दायित्व है।
इस अवसर पर जनजातीय कार्य विभाग की अपर संचालक सीमा सोनी भी उपस्थित रहीं। उन्होंने 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त करने वाले प्राचार्यों से संवाद किया। उनके द्वारा अपनाए गए नवाचार और प्रयासों को जाना। साथ ही प्राचार्यों द्वारा प्रेजेंटेशन का अवलोकन कर उस पर फीडबैक व टिप्स भी दिए। इस दौरान उन्होंने प्राचार्यों से बेहतर परीक्षा परिणामों के लिए फीडबैक, सुझाव व समस्याओं को भी सुना।