नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर वार्ता में मौजूद विश्व नेताओं से कहा कि भारत में हाल में संपन्न आम चुनाव लोकतंत्र और और पूरे लोकतांत्रिक विश्व की विजय है।
जी7 शिखरवार्ता के दूसरे दिन विस्तारित सत्र में मोदी ने अन्य निमंत्रित देशों के नेताओं के साथ सम्मेलन को संबोधित किया।
इटली में आयोजित शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस चुनाव में प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया गया। इससे पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रही। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि भारत की जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है। यह ऐतिहासिक जीत भारत की जनता की ओर से उन्हें आशीर्वाद है जो लोकतंत्र की जीत है।
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए ऊर्जा के उपयोग के बारे में भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह उपलब्धता सब तक पहुंच और सस्ते और सबके लिए स्वीकार्य होने पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के संबंध में जो अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी तय की गई है उन्हें पूरा करने वाला भारत पहला देश है। भारत 2017 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने लक्ष्य को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने विश्व नेताओं का आह्वान किया कि हमें एक हरित युग बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए भारत ने पर्यावरण हितैषी मिशन लाइफ की शुरुआत की है। इसी मिशन को आगे बढाते हुए उन्होंने पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को एक नया अभियान शुरू किया है। एक पेड़ मां के नाम।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक मानव केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से बेहतर भविष्य के लिए प्रयासरत है। उसने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाने की पहल की है। भारत ऐसा करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है। इसी रणनीति के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मिशन शुरू किया गया है। हमारा मंत्र है एआई सबके लिए। मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष भारत में आयोजित शिखर वार्ता के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक संचालन नियमों के महत्व पर जोर दिया था। भविष्य में भी भारत एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुलभ, सुरक्षित और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने विश्व के अनेक क्षेत्रों में जारी संघर्ष की ओर संकेत करते हुए कहा कि विश्व में अनिश्चिता और तनाव का माहौल है, जिसका कामयाजा ग्लोबल साउथ के देश भगत रहे हैं। भारत ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर उजागर करना अपना दायित्व समझता है। इसी के अंतर्गत हमने अफ्रीकी महाद्वीप को उच्च प्राथमिकता दी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में संपन्न की-20 शिखर वार्ता के दौरान अफ्रीकी संघ को इस संस्था का स्थाई सदस्य बनाया गया। भारत अफ्रीका के सभी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में योगदान देता रहेगा। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि जी7 की मौजूदा बैठक में सभी देश की प्राथमिकताओं में गहरी समानता झलकती है। भारत सभी मुद्दों पर जी7 के देशों के साथ संवाद और सहयोग जारी रखेगा।