काठमांडू। स्वामी रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट नेपाल द्वारा सरकारी छूट पर खरीदी गई जमीन को प्लॉटिंग कर महंगे दामों में बेचने को लेकर उठे विवाद के बाद इसकी जांच नेपाल पुलिस के केन्द्रीय अनुसन्धान ब्यूरो (सीआईबी) को सौंप दी गई है।
संसद की सार्वजनिक लेखा समिति ने 16 वर्ष पुराने मामले की फाइल मंगवाने के बाद अब इसकी जांच केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) के हवाले कर दी है। गृह मंत्री रवि लामिछाने ने आज ही संसद में कहा था कि पतंजलि ट्रस्ट की जमीन घोटाला की फाइल खोल दी गई है। दोपहर में गृह मंत्री के बयान के बाद देर शाम को सीआईबी ने इससे संबंधित सभी फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया और इसकी जांच भी शुरू कर दी है।
सीआईबी के प्रमुख श्याम लाल ज्ञवाली ने बताया कि फाइल को अध्ययन किया गया है और एक टीम को बनेपा भी रवाना कर दिया गया है। इसकी जांच जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। 16 वर्ष पहले नेपाल सरकार ने पतंजलि ट्रस्ट को सस्ते दामों पर बनेपा में 100 एकड़ जमीन दी थी जिस पर आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, आयुर्वेदिक चिकित्सा केन्द्र, योगशाला, जडीबुटी अध्ययन एवं प्रशोधन केन्द्र, गौशाला आदि के निर्माण करने की शर्त थी। इस जमीन के खरीदने के तीन महीने के बाद ही पतंजलि ने करीब 80 एकड़ जमीन प्लॉटिंग कर बेच दी और ट्रस्ट के नाम पर 80 एकड़ जमीन धुलीखेल में खरीदी है।
इसी को लेकर संसदीय समिति में सवाल खड़ा किए जाने और पतंजलि ट्रस्ट नेपाल को सरकार द्वारा सस्ती दर पर दी गई जमीन को महंगे दामों पर बेचने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की गई थी। हालांकि ट्रस्ट के नेपाल प्रमुख शालीग्राम सिंह ने कहा कि जमीन खरीदने और बेचने के लिए भी अनुमति सरकार से ली गई थी।