लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बसों की वजह से कांवड़ यात्रा बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाय।
परिवहन निगम के अधिकारियों को 22 जुलाई से प्रारम्भ होने वाले श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत निगम बसों के सुरक्षित संचालन के लिए तैयारियां करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा है कि 22 जुलाई से 19 अगस्त तक पूरे एक माह कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों पर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं। इस दौरान चलने वाली बसें साफ-सुथरी एवं फिट बसों का ही संचालन किया जाए। इसके अलावा बस स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। स्टेशन परिसर एवं बैठने वाले जगह पर साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाए।
परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि इस दौरान आगरा, बरेली, मुरादाबा, मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़ एवं सहारनपुर क्षेत्र के मार्ग मुख्य रूप से संचालन हेतु तैयारियां कर लें, क्योंकि इन रूटों पर अधिक संख्या में शिव भक्तों का आवागमन रहता है।
उन्होंने साथ ही लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर से वाराणसी एवं प्रयागराज के लिए अतिरिक्त बसों के संचालन हेतु भी निर्देश दिये हैं। बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री वाराणसी एवं प्रयागराज जाते हैं। कांवड़ यात्रियों के आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए क्षेत्रीय मुख्यालय स्तर पर 24 घंटे क्रियाशील कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
परिवहन मंत्री ने निर्देशित किया कि श्रावण मास के दौरान बस चालकों का ब्रीथ एनलाइजर टेस्ट अवश्य किया जाए। सावन माह में हर सोमवार और श्रावण शिवरात्रि के दिन जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित डायवर्जन व वैकल्पिक मार्ग पर ही बसों का संचालन हो, जिससे किसी को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अधिकारी इस बात का ध्यान दें कि कांवड़ यात्रा मार्ग निगम बसों के कारण अवरूद्ध न हो। साथ ही निगम के अधिकारी व कर्मचारी श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए तत्पर रहने एवं उनके साथ अच्छा व्यवहार करने व सहायता प्रदान करें।
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी सुनिश्चित करेंगे।