भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है।
कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। राजभवन में सोमवार सुबह एक संक्षिप्त कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उन्हें कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद अब डॉ. मोहन यादव सरकार में मुख्यमंत्री समेत 31 मंत्री हो गए हैं। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं।
रावत ने 68 दिन पहले ही लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। उन्हें मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। सोमवार को राजभवन में उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। रावत को सुबह करीब 9.05 बजे बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लेनी थी, लेकिन राज्यमंत्री पद की शपथ ले ली। दरअसल, कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेते समय उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने राज्य के मंत्री की जगह वे राज्य मंत्री पढ गए। उन्होंने कि -मैं मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा। इससे गफलत हुई कि वह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इसीलिए उन्हें 9.20 बजे दोबारा कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी पड़ी। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत कई मंत्री मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में एक नए सदस्य का आगमन हुआ है। कैबिनेट मंत्री के नाते रामनिवास रावत के अनुभव का लाभ मिलेगा। उनके अनुभव का सरकार और क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा। पिछड़े और विकास की संभावनाओं वाले क्षेत्र से प्रतिनिधित्व मिल रहा है।
पिछले साल हुए विधाधानसभा चुनाव के परिणाम 3 दिसंबर 2023 को आए थे। इसके 8 दिन बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद पर डॉ. मोहन यादव और दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का चयन किया गया। इसके दो दिन बाद 13 दिसंबर को सीएम और दोनों डिप्टी सीएम ने शपथ ली थी। फिर 12 दिन बाद 25 दिसंबर को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इसमें 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। इसमें 18 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री शामिल हैं। अब रामनिवास रावत को मिलाकर मंत्रिमंडल में राज्यमंत्रियों की संख्या 11 हो गई है।
कौन हैं रामनिवास रावत
रामनिवास रावत श्योपुर की विजयपुर सीट से छह बार के विधायक हैं। वे उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज थे, जिसके बाद वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। लोसभा चुनाव के दौरान 30 अप्रैल 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भाजपा जॉइनिंग टोली के मुखिया नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में श्योपुर के एक चुनावी कार्यक्रम में भाजपा की सदस्यता ली थी।