लखनऊ । गैंगस्टर के मामले में चार वर्षों की सजा सुनने वाले गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी का टिकट कट सकता है। चर्चा यह भी है कि पार्टी के मुख्यालय में बड़े नेताओं ने कानूनी पेंच की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को देते हुए अफजाल के स्थान पर किसी पिछड़ा चेहरे को उम्मीदवार बनाने की पैरवी कर दी है।
अफजाल अंसारी का परिचय राजनीति में नया नहीं है। 90 की दशक से राजनीति में दबदबा बनाने वाले अफजाल ने बहुजन समाज पार्टी तो कभी कौमी एकता दल और आजकल समाजवादी पार्टी के चेहरे के रूप में गाजीपुर में जाने जाते हैं।
इस बार गाजीपुर लोकसभा सीट से उन्हें अखिलेश यादव ने टिकट दिया है। चुनाव के दौरान ही अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी की जेल में मौत होने के बाद अखिलेश यादव दुख व्यक्त करने के लिए अफजाल के घर गाजीपुर गये थे। इससे अफजाल अंसारी और अखिलेश यादव के मधुर संबंधों को जाना जा सकता है। फिर भी कानूनी पेंच में अफजाल फंसे हुए हैं, जिसमें दो मई 2024 को ही कोई स्थिति स्पष्ट होगी।
गाजीपुर की जिला कोर्ट ने बीते वर्ष 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर मामले के मुकदमे में सुनवाई करते हुए अफजाल अंसारी को चार वर्ष की सजा सुनाई थी। चार वर्षो की सजा पाने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता चली गयी थी। हाईकोर्ट से अफजाल को जमानत मिली तो उनके अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर सजा पर रोक लगवाने में सफलता पायी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब हाईकोर्ट के जस्टिस संजय सिंह की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही है।
सपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने मीडिया से कहा कि झूठा मुकदमा लगाकर उन्हें फंसाया गया है। जिसमें दो मई को हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल जायेगी, ऐसी उन्हें उम्मीद है। गाजीपुर की जनता जानती है कि क्या सच है और क्या झूठ है। समाजवादी पार्टी के टिकट से वह चुनाव मैदान में हैं, जीत और हार का फैसला तो जनता को ही करना है।
लोकसभा चुनाव में सातवें चरण की गाजीपुर लोकसभा सीट पर 14 मई तक नामांकन दाखिल होंगे। 14 मई तक हाईकोर्ट के जस्टिस संजय सिंह की कोर्ट में अफजाल अंसारी के मामले की सुनवाई चलती रही तो अफजाल नामांकन नहीं कर सकेंगे। जस्टिस संजय सिंह की कोर्ट में दो मई को अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले के अलावा एक और मामले की सुनवाई होनी है