लखनऊ । राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता नरेद्र मोदी रविवार शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार यूपी में भाजपा को 29 सीटों का नुकसान हुआ है। 2019 में 62 सीटें मिली थीं, इस बार केवल 33 सीटें उसके खाते में है। ऐसे में मोदी कैबिनेट में यूपी के मंत्रियों का कोटा भी कम होना तय माना जा रहा है।
मोदी सरकार 2.0 में यूपी से पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा 14 मंत्री थे। इनमें से सात मंत्री चुनाव हार गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश से दस से कम मंत्री ही मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाएंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तों पिछड़े व वंचित समाज को कहीं ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है। बता दें, 18वीं लोकसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा के 33 और सहयोगी दलों के तीन सांसद जीते हैं।
ये बन सकते हैं मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल में मंत्रियों में यूपी से राजनाथ सिंह, प्रो0 एसपी सिंह बघेल और पंकज चौधरी को दोबारा मंत्री मंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं एनडीए के सहयोगी दलों से रालोद के जयंत चौधरी और अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश की अहम सीट हाथरस से सांसद चुने गए योगी सरकार में राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि, दूसरी बार सांसद बने शाहजहांपुर से सांसद बने अरुण कुमार सागर, मिश्रिख संसदीय सीट से दूसरी बार जीते अशोक रावत व हरदोई से दोबारा विजयी हुए जय प्रकाश के अलावा राज्यसभा सदस्य डा.के लक्ष्मण में से किसी को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। ये सभी सांसद वंचित समाज से आते हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र से आने वाले राज्यसभा सदस्य बाबू राम निषाद के नाम की भी राजनीतिक गलियारों में बड़ी चर्चा है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री और पीलीभीत से सांसद बने जितिन प्रसाद तथा राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजयेपी में से किसी को मौका मिल सकता है। बीजेपी को अपने प्रभार वाले राज्य में अच्छी सफलता दिलाने पर बाजपेयी के अलावा राधा मोहन दास अग्रवाल व विजय पाल सिंह तोमर को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।
मोदी सरकार के मंत्री जो दिल्ली नहीं पहुंचे
मोदी सरकार 2.0 में मंत्री रहे साध्वी निरंजन ज्योति,अजय मिश्रा टेनी,संजीव बलियान, महेंद्र नाथ पांडेय, स्मृति ईरानी,भानु प्रताप वर्मा व कौशल किशोर इस बार चुनाव हार गए हैं। इन मंत्रियों के स्थान पर नये चेहरों को मौका मिलेगा।