मुरादाबाद । महानगर मुरादाबाद के प्रसिद्ध आभूषण कारोबारी अतुल कुमार ने एक अनूठा संकल्प लिया जो अब प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूर्ण होने के करीब पहुंच गया है। अतुल कुमार ने वर्ष 1990 में राम मंदिर निर्माण को लेकर लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी की ओर से रथ यात्रा का आरंभ होने के समय संकल्प लिया कि मंदिर का निर्माण होने तक वह अपने हाथ से रामचरितमानस लिखेंगे। आज तक नौ बार रामचरितमानस लिखी है। केयूर ज्वैलर्स प्रतिष्ठान के संचालक व सिविल लाइन निवासी अतुल कुमार ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी के रथ को बिहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा रोके जाने के बाद उन्होंने रामचरितमानस लिखना शुरू किया था। उनकी हस्तलिखित आठ बार की रामचरितमानस 436 पृष्ठों के साथ पूर्ण हुई है, जबकि नौंवी रामचरित मानस के अभी 400 पृष्ठ पूरे हुए हैं। रामचरितमानस लिखना अभी जारी है। राम विवाह और राम की वानर सेना की ओर से निर्मित राम सेतु के निर्माण का चित्र है। साथ ही 6 दिसंबर 1992 में हुए विवादित ढांचे के धराशाई होने समेत राम मंदिर आंदोलन से जुड़े चित्र भी शामिल किए गए हैं। अतुल कुमार ने हस्तलिखित रामचरितमानस को अयोध्या स्थित संग्रहालय में रखने की इच्छा के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखित अनुरोध भेजा है। प्राप्त हुई आधिकारिक जानकारी का हवाला देकर बताया कि सैद्धांतिक तौर पर उनके अनुरोध को प्रधानमंत्री की ओर से स्वीकार कर लिया गया है और इस संबंध में कार्रवाई का फैसला प्रदेश सरकार को करना है। अपनी हस्तलिखित रामचरितमानस को आभूषण कारोबारी अतुल कुमार ने सबसे पहले अपने माता-पिता कृष्ण कुमार और कुसुम लता को उनकी वैवाहिक गोल्डन जुबली और अपनी बहन ममता और जीजा प्रभात गुप्ता को उनके विवाह की सिल्वर जुबली पर तोहफे में रामचिरत मानस को दिया था। बचपन से ही रामचरितमानस का पाठ करते हैं अतुल आभूषण कारोबारी अतुल कुमार ने बताया कि बचपन से ही वह रामचरितमानस का पाठ करते थे। घर में उनकी मां नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ किया करती रही हैं। राम मंदिर के लिए रथ यात्रा के रूप में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत के साथ उन्होंने अपने गुरु भुवन चंद्र जोशी की प्रेरणा से रामचरितमानस लिखना प्रारंभ किया।
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