नई दिल्ली: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य जजमान की भूमिका निभा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्राण प्रतिष्ठा के तीन दिन पहले कठिन व्रत और संयम से गुजरना होगा। यम नियम के तहत पीएम बिस्तर की जगह लकड़ी की चौकी पर कंबल बिछा कर शयन करेंगे।
अंतिम दिन दिन सिर्फ फलाहार पर तो प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन पूर्ण उपवास पर रहेंगे। उल्लेखनीय है कि यम नियम के तहत ही पीएम मोदी बीते शुक्रवार से व्रत और कई नियमों का पालन कर रहे हैं। इस क्रम में पीएम 12 जनवरी से लगातार एक समय के उपवास पर हैं।
विहिप सूत्रों के मुताबिक यम नियम और पूजा पद्धति के मुताबिक पीएम 19 जनवरी से 21 जनवरी तक पूर्ण रूप से फलहार पर निर्भर रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन उन्हें पूर्ण उपवास करना होगा। इस दौरान पीएम शास्त्रों के नियमों के मुताबिक चुनिंदा मंत्रों का जाप करेंगे।
बिस्तर का भी करेंगे त्याग
यम नियम के मुताबिक पीएम प्राण प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले सामान्य बिस्तर का त्याग करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन तक वह लकड़ी की चौकी पर कंबल बिछा कर सोएंगे। 11 दिनों के यम नियम में पीएम को हर दिन शास्त्रों के मुताबिक अलग-अलग कार्य करने होंगे। इसी नियम के तहत पीएम को अंतिम तीन दिन अन्न त्याग कर सिर्फ फलाहार पर निर्भर रहना होगा।
जटायु की मूर्ति की पूजा
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन ही पीएम राम मंदिर परिसर में बने जटायु की मूर्ति की पूजा करेंगे। जटायु की मूर्ति की स्थापना विशेष रूप से मंदिर आंदोलन में अपना जीवन न्यौछावर करने वाले बलिदानियों की स्मृति में की गई है। पूजा के दौरान कार सेवा के दौरान शहीद हुए बलिदानियों के परिजन भी मौजूद रहेंगे। इसी दिन मोदी राम मंदिर निर्माण में जुटे मजदूरों के साथ भी संवाद करेंगे।