हरिद्वार । शासन की ओर से रोडवेज बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट किए जाने के विरोध में कर्मचारियों, व्यापारियों और किसान यूनियन के नेताओं की बैठक हुई। इसमें सभी ने रोडवेज को शहर से बाहर शिफ्ट किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर रोडवेज अड्डा शिफ्ट किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रोडवेज परिसर में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने कहा कि प्रदेश में हरिद्वार जिले के साथ शुरू से ही भेदभाव किया जा रहा है। चाहें मूल निवास का मामला हो या सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने का। उन्होंने कहा कि जहां हरिद्वार जिले के रुड़की को कुंभ क्षेत्र से बाहर रखकर विकास कार्यों से वंचित रखा गया तो अब रोडवेज अड्डे और नवीन मंडी को शिफ्ट कर शहर की जनता के साथ सरकार कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि भाकियू क्रांति किसी कीमत पर रोडवेज और मंडी को शहर से बाहर नहीं जाने देगी।
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि 1986 से यह बस अड्डा यहां पर है और शहर की पहचान है। इसके साथ ही आईआईटी, सीबीआरआइ, एनआईएच आदि जैसे राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संस्थान यहां हैं। रोडवेज शिफ्ट होने से छात्र-छात्राओं को दिक्कत होगी। इसके साथ ही इसके सहारे चल रहे होटल, रेस्टुरेंट आदि के सैकड़ों संचालक बेरोजगार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नगर के विधायक ने रोडवेज शिफ्ट करने के संबंध में विधानसभा में सवाल उठाया था। और कहा था कि शहर की जनता के साथ धोखा करने का काम किया है। भाकियू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा कि बस अड्डा शहर से करीब सात किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है। लोगों को वहां आने जाने में काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा। इसके साथ ही देर रात आवागमन बहुत मुश्किल होगा। रोडवेज के समीप विभिन्न कारोबार करने वाले व्यापारियों ने पूर्ण समर्थन का वादा किया और हर लड़ाई में साथ होने की बात कही।