रायबरेली । लंबे समय से चल रही अटकलबाजियों और कयासों के बीच कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली सीट पर अपने पत्ते खोले दिए हैं। रायबरेली से राहुल गांधी को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही रायबरेली से गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी भी जुड़ गई है। दादा फ़िरोज गांधी, दादी इंदिरा व मां सोनिया गांधी के बाद अब राहुल यहां से चुनावी ताल ठोकेंगें।
सोनिया गांधी के राज्यसभा सांसद बनने के बाद माना जा रहा था कि यहां से गांधी परिवार का ही कोई चुनाव लड़ेगा। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमेठी के बजाय रायबरेली से राहुल को चुनाव लड़ाना कांग्रेस की अपनी मजबूरी है। क्योंकि अमेठी की अपेक्षा रायबरेली की राजनीतिक फिजा गांधी परिवार के ज्यादा अनूकूल है।
रायबरेली से गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके पहले वह 2004, 2009, 2014 में अमेठी से सांसद चुने जा चुके हैं। 2019 में अमेठी से उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी से उनकी हार हुई। हालांकि वायनाड से वह चुनकर संसद पहुंच गए।राहुल गृह, विदेश व मानव संसाधन मंत्रालय की संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।
19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और देहरादून से की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के हावर्ड, कैम्ब्रिज और ट्रिनिटी विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। राहुल गांधी देश के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार से आते हैं और राजनीति उन्हें विरासत में मिली। 2017 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इसके पहले वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, उपाध्यक्ष, युवक कांग्रेस व एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी भी रहे हैं। 2019 में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया था। इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर रायबरेली में उन्हें गांधी परिवार के ही क़रीबी रहे और अब भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से सीधे चुनौती मिलने वाली है।