हमीरपुर। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि कांग्रेस और इंडी एलायंस वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई धन दौलत सम्पत्ति घर जमीन जायदाद ज़ब्त करने की फ़िराक में है। आपकी पैतृक संपत्ति और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मेहनत से बनाए गए सभी संसाधनों को भी हड़पने का सपना देख रही कांग्रेस अपने मकसद को पूरा के लिए इसे पुनर्वितरण का नाम दे रही है।
धूमल ने बुधवार को एक बयान में कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के घोषणा पत्र से यह तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट झलक रही है की आम जनता की संपत्ति घर सोना एफडी कुछ भी सुरक्षित नहीं रहेगा यही कांग्रेस का हिडन एजेंडा है।
उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया के दौरान जहां कांग्रेस व इंडी गठबंधन के कई बड़े नेता अन्यत्र स्थानों पर चुनावी रैलियों में वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करवाने की बात कर रहे हैं , तो कांग्रेस के एक बड़े नेता ने देशभर में ऐसे सर्वेक्षण करवा कर संपत्ति पुनर्वितरण की बात कही है। जिससे एक बड़ा मुद्दा देश भर में खड़ा हुआ है कि हमारी पैतृक संपत्ति और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी मेहनत से खड़े किए संसाधनों को कांग्रेस और इंडी गठबंधन एक पूर्व नियोजित योजना के तहत जप्त करने की फिराक में है। इस पूर्व नियोजित योजना इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि अब तक के इतिहास में जब भी कांग्रेस देश की सत्ता पर बैठी है उसने अपने वोट बैंक की राजनीति को सुरक्षित करने के लिए देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरोने की बजाय वर्ग विशेष की परिभाषित करते हुए न केवल उन्हें अधिकांश लाभ पहुंचाने का काम किया बल्कि बाकी सभी देश के नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सहित इसके सहयोगी दल तो अभी केवल वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण एवं पुनर्वितरण के नाम पर जनता को ठगने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन अभी हाल ही में कांग्रेस के एक और बड़े सलाहकार का साक्षात्कार सामने आया है जिसमें वह अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स की बात कर रहे हैं जिसके अनुसार आपकी सारी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास चला जाता है। जो दर्शाता है कि कांग्रेस देश के नागरिकों को आगे बढ़ाने समृद्धशाली बनने और सशक्त बनने के मौके देने की बजाय उनकी खुद की कमाई और संसाधनों को जप्त करने और लूटने की मंशा रखती है। कांग्रेस की सरकारों ने पूर्व में भी 1960 और 1970 के दशक में कानून पास कर भारतीयों को इस बात के लिए विवश किया था कि वह अपनी कमाई का एक हिस्सा सरकार के पास जमा कर दें और इस कानून के अनुसार सरकार को यह भी अधिकार था कि किसका पैसा कितने दिन रखा जाएगा और किसको कब वापस दिया जाएगा। इस कानून को कंपलसरी डिपॉजिट स्कीम एक्ट का नाम दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सारी बातें कहीं ना कहीं उस दौर की याद दिलाती है जब धर्म के नाम पर भारत मां के टुकड़े कर दिए गए और लोगों को मजबूरन अपनी धन संपत्ति जमीन जायदाद सब छोड़कर दूसरी जगह भागने पर विवश होना पड़ा था।