जयपुर । कृषि और उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि किसान आय बढ़ोतरी के लिए समन्वित कृषि प्रणाली (आईएफएस) और रूफटॉप फार्मिंग को प्रोत्साहित किया जायेगा। साथ ही, कृषि पर्यटन विकास की संभावनाएं भी तलाशी जायेगी। डॉ. मीणा ने यह बात राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा में शुक्रवार को फसल शोध प्रक्षेत्र का अवलोकन करने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि समय के साथ लोगों की जीवनशैली और खाप-पान की आदतों में बड़ा बदलाव आया है। हर कोई स्ट्रेस से जूझ रहा है। शहरी लोग सुकून की तलाश में गांवों और किसानों के खेतों का रुख कर रहे है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार राज्य में कृषि पर्यटन की संभावनाओं पर काम करेगी। इससे किसानों की आय बढोतरी के साथ-साथ प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने संस्थान में गेहूं, जौ, सब्जी, चना आदि फसलों पर चल रहे अनुसंधान कार्यों को देखा। साथ ही, संबंधित कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी भी प्राप्त की। शोध प्रक्षेत्र भ्रमण के बाद रूफटॉप फार्मिंग मॉडल का भी कृषि-उद्यानिकी मंत्री ने अवलोकन किया। इस मॉडल को देखकर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल खासे प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि रूफटॉप फार्मिंग को अपनाकर शहरी लोग रसायन मुक्त फल-सब्जी का उत्पादन ले सकते हैं। इससे पोषण स्तर में सुधार भी होगा। वहीं, मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने कहा कि कोविड़-19 के संक्रमण बाद से ही देश के महानगरों में रूफटॅाप फार्मिंग और किचन गार्डनिंग का चलन बढ़ा है। इसका एक कारण फल-सब्जियों में कीटनाशक के अवशेष मिलना भी रहा है। शहरी क्षेत्र के लोगों का रूझान देखते हुए विश्वविद्यालय ने राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में रूफटॉप फार्मिंग का मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल को अपनाकर शहरी लोग बागवानी से जुड़ा अपना शौक भी पूरा कर सकते है। वहीं, ताजा और जैविक फल-सब्जी का उत्पादन भी घर की छत अथवा बालकनी में कर सकते है। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों ने फल-सब्जी की ऐसी किस्मों का विकास किया है, जिनको गमले, बाल्टी अथवा टब में उगाया जा सकता है। इस मौके पर राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा के निदेशक डॉ. आरएस बालोदा ने बताया कि जल्द ही संस्थान में रूफटॉप फार्मिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जायेगा। इससे राजधानी सहित समीपवर्ती जिलों के शहरी लोगों और किसानों को एक ही छत के नीचे रूफटॉप फार्मिंग से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो सके। इस मौके पर उद्यानिकी विभाग के अतिरिक्त निदेशक केसी मीणा, सियाम, जयपुर के निदेशक ईश्वरलाल यादव, संयुक्त निदेशक राकेश पाटनी भी मौजूद रहे।
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