कांग्रेस एक नंबर की आदिवासी विरोधी पार्टी : अमित शाह

छोटाउदेपुर । केन्द्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने शनिवार को छोटाउदेपुर जिले के बोडेली में आयोजित चुनावी सभा में आरक्षण और संविधान को लेकर कांग्रेस की ओर से किए जा रहे दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि केन्द्र में जब तक भाजपा सरकार है, आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक नंबर की आदिवासी विरोधी पार्टी है।

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने आदिवासी विकास के लिए केन्द्र सरकार की ओर से किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 10 वर्षों के अंदर करोड़ों गरीब लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाया है। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा था कि आदिवासियों की जितनी आबादी है, उन्हें बजट में उसी के अनुपात में हिस्सेदारी देना चाहिए। भारत का संविधान लागू होने के बाद सबसे पहले नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के बजट का 14 फीसदी आदिवासी जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक नंबर की आदिवासी विरोधी पार्टी है। इनके जमाने में आदिवासी मंत्रालय भी नहीं था। अटल बिहारी की सरकार ने पहली बार 1999 में अलग आदिवासी विभाग का मंत्रालय बनाया।

कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति पर प्रहार करते हुए अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने 5 फीसदी आरक्षण मुसलमानों को दे दिया। इसका अर्थ हुआ कि ओबीसी समाज का 5 फीसदी आरक्षण छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है कि आरक्षण तो कांग्रेस छीन रही है और नाम भाजपा का दे रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बात का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि वे कहते हैं कि गुजरात और राजस्थान की जनता को कश्मीर से क्या लेना-देना है। शाह ने कहा कि गुजरात का एक-एक व्यक्ति कश्मीर के लिए जान देने को तैयार है। शाह ने कहा कि राहुल गांधी संसद में अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करते थे और कहते थे कि इसे हटाने पर देश में खून की नदिया बह जाएंगी। शाह ने कहा कि यह कानून हट भी गया, इसके बावजून खून की नदियों की बात तो दूर किसी ने एक पत्थर भी फेंकने की हिम्मत नहीं की, यह भाजपा की ताकत है।

शाह ने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, अमेठी छोड़ कर वे रायबरेली गए हैं। दरअसल प्रॉब्लम सीट में नहीं है, बल्कि उनमें है। रायबरेली से राहुल प्रचंड बहुमत से हारेंगे, चाहे वे जहां भाग लें, जनता उन्हें खोज रही है।

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