नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के ड्यूटी जज अमिताभ रावत ने आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। सीबीआई ने पांच दिनों की हिरासत मांगी थी। अदालत ने आज सुनवाई के दौरान सीबीआई के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को दोषी बताया है।
सीबीआई के इस बयान पर केजरीवाल ने अदालत के सामने आपत्ति जताई कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। इस पर जज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जैसा सीबीआई के वकील दावा कर रहे हैं। सीबीआई आज सुबह अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से लेकर राऊज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं। आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कहा कि उनका शुगर लेवल डाउन जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे चाय और बिस्कुट लेना है। उसके बाद कोर्ट ने केजरीवाल को कोर्ट में ही चाय और बिस्कुट लेने की इजाजत दी।
चौधरी ने कहा कि केजरीवाल को 21 जून को ट्रायल कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी। सीबीआई को जब अप्रैल में केजरीवाल के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी थी तो अभी क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। इस बीच 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद 2 जून को केजरीवाल ने सरेंडर किया। इसके बाद जब 21 जून को ट्रायल कोर्ट से केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी और अब सीबीआई हिरासत की मांग कर रही है। ये केवल उन्हें जेल में रखने का तरीका है। ऐसे में केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं है।
चौधरी ने कहा कि ये जांच अधिकारी तय नहीं करेगा कि किसे कब गिरफ्तार किया जाए और कब नहीं। इसकी न्यायिक प्रक्रिया होती है। चौधरी ने गिरफ्तारी की मांग के लिए सीबीआई की ओर से बताई गई वजह का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चौधरी ने पंकज बंसल पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तो उसे गिऱफ्तार नहीं किया जा सकता है। मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत किसी भी आरोपित को जवाब नहीं देने का अधिकार है। चौधरी ने कहा कि सीबीआई कह रही है कि केजरीवाल कुछ छिपा रहे हैं तो वो तथ्य क्या हैं।