बैंकों ने 2014 से लेकर 2023 के बीच 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूबा कर्ज वसूला : सीतारमण

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने विभिन्न सुधारों और बेहतर प्रशासन के जरिए बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट किया है। इसके दम पर बैंकों ने 2014 से लेकर 2023 के बीच 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूबे कर्ज की वसूली की है।

निर्मला सीतारमण ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि बैंकिंग क्षेत्र को देश की अर्थव्यवस्था का रीढ़ माना जाता है। हाल में भारत के बैंकिंग क्षेत्र ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह 2014 से पहले की स्थिति के बिल्कुल विपरीत है, जब इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र को खराब ऋणों, निहित स्वार्थों, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के दलदल में बदल दिया था।

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 1,105 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की है, जिसके तहत 64,920 करोड़ रुपये की अपराध आय जब्त की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 15,183 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस कर दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने डूबे कर्ज (खासकर बड़े डिफॉल्टर से) की वसूली में कोई ढील नहीं बरती है, यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह दुख की बात है कि विपक्षी नेता अब भी ‘राइट-ऑफ’ और माफी के बीच का अंतर नहीं कर पा रहे हैं। आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘राइट-ऑफ’ के बाद बैंक सक्रिय रूप से डूबे कर्ज की वसूली करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी उद्योगपति के कर्ज को ‘माफ’ नहीं किया गया है। 2014 से 2023 के बीच बैंकों ने खराब ऋणों से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *