भारत 2029 तक दुनिया में चिप बनाने के शीर्ष पांच केंद्रों में से एक होगा : वैष्णव

नई दिल्ली । केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि दिसंबर, 2026 में धोलेरा प्लांट से पहली चिप का उत्पादन होने लगेगा। माइक्रोन के साणंद प्लांट से दिसंबर, 2024 तक पहली चिप आएगी।

अश्विनी वैष्णव ने गुजरात के धोलेरा में स्थित टाटा समूह और सीजी पावर चिप संयंत्रों के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। धोलेरा संयंत्र से पहली चिप दिसंबर, 2026 में आएगी और माइक्रोन संयंत्र से चिप दिसंबर, 2024 तक आएगी। वैष्णव ने कहा कि भारत 2029 तक दुनिया में चिप बनाने के शीर्ष पांच केंद्रों में से एक होगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि इन संयंत्रों में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का देश का पहला हाई-टेक चिप विनिर्माण संयंत्र शामिल है, जिसे कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तीन चिप संयंत्रों की नींव रखी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ये तीन सुविधाएं आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी और नवाचार को बढ़ावा देंगी। इनमें दो इकाइयां टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की और तीसरी सीजी पावर की है। इसमें कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।

सेमीकंडक्टर एक ‘बुनियादी’ उद्योग है, जो जीवन के लगभग हर पहलू को छूता है। इसका फ्रिज से लेकर एसी और कारों, विमान से लेकर ट्रेनों तक सभी में इस्तेमाल होता है। टाटा का धोलेरा संयंत्र 28, 50, 55 नैनोमीटर नोड में चिप बनाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *