भोपालः यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने पदाधिकारियों से की वन-टू-वन चर्चा

भोपाल । मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र दर्शन सिंह यादव ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहली बार यूथ कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस परिचायत्मक बैठक में मितेन्द्र ने प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा की। इस दौरान तय किया गया है कि संगठन को ब्लॉक स्तर तक मजबूत किया जाएगा।

मितेन्द्र दर्शन सिंह ने बैठक में संगठनात्मक कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान प्रदेश भर से आए युवा कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। बैठक में युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष द्वारा युवा कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों को जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार द्वारा किये हुए वादों को पूरा कराने के कार्य में जुटने एवं जमीन पर जनता की लड़ाई लड़ने को तैयार रहने को कहा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठन विस्तार पर भी विचार विमर्श किया।

उन्होंने नर्सिंग घोटाले में गिरफ्तारियों के सम्बन्ध में शिकायतकर्ता एनएसयूआई नेता रवि परमार से भी चर्चा की। युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी कार्यकर्ता संगठन को मजबूत करने में अपना योगदान दें। लोकसभा चुनाव में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। सभी कार्यकर्ता पूरी ताकत से संगठन के कार्यों को जनता तक पहुंचाना का कार्य करें। जो कार्यकर्ता अच्छा कार्य करेगा, उसे संगठन में प्रमोट किया जायेगा।

मितेन्द्र ने सभी पदाधिकारियों से वन-टू-वन मीटिंग में पूछा कि आपके क्षेत्र में यूथ कांग्रेस को मजबूत करने के लिए आपका पर्सनल प्लान क्या है। मितेंद्र सिंह ने प्रदेश भर से आए संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा के दौरान पूछा कि वर्तमान समय में बन रही चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। वर्कर्स ने इस पर अपने विचार साझा किए। मितेन्द्र ने बैठक में कहा, मध्यप्रदेश में हमें युवा कांग्रेस संगठन को नया स्वरूप देकर गतिशील बनाना है, इसके लिए हम सब मिलकर संगठनात्मक लड़ाई जारी रखेंगे। यह याद रखना जरूरी है कि संघर्ष ही जीवन की सफलता का राज है।

बैठक में पहुंचे कुछ पदाधिकारियों ने संगठन में नई जिम्मेदारियां देने की बात भी कही। कार्यकर्ताओं की बात सुनकर मितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि संगठन में तेरा-मेरा नहीं, अब सिर्फ दिए गए टास्क के प्रदर्शन के आधार पर ही उन्हें दायित्व मिलेगा। दूसरे दिन गुरुवार को होने वाली युवा कांग्रेस की समीक्षा बैठक में सभी प्रदेश पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और विधानसभा अध्यक्षों को ये रिपोर्ट देनी होगी कि बीते छह महीने में उन्होंने क्या-क्या काम किए।

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