भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैंक खातों को फ्रीज (लेनदेन पर रोक) किए जाने के कांग्रेस के आरोप पर पलटवार किया है। नड्डा ने कहा कि ‘ऐतिहासिक हार’ की आशंका से उसका शीर्ष नेतृत्व भारतीय लोकतंत्र और संस्थाओं के खिलाफ ‘जमकर भड़ास’ निकाल रहा है। नड्डा ने आगे लिखा कि कांग्रेस अपनी अप्रासंगिकता का दोष अपनी सुविधा के अनुसार ‘वित्तीय परेशानियों’ पर मढ़ रही है, वास्तव में उसका दिवालियापन नैतिक और बौद्धिक है, वित्तीय नहीं। कांग्रेस के आरोप पर नड्डा ने लंबा एक्स पोस्ट के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को जनता पूरी तरह से खारिज कर देगी और ऐतिहासिक हार के डर से उनके शीर्ष नेतृत्व ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों के खिलाफ बयानबाजी की। वे आसानी से अपनी अप्रासंगिकता का दोष ‘वित्तीय परेशानियों’ पर मढ़ रहे हैं। दरअसल, उनका दिवालियापन आर्थिक नहीं, बल्कि नैतिक और बौद्धिक है। उन्होंने कहा कि अपनी गलतियों को सुधारने के बजाय, कांग्रेस अपनी परेशानियों के लिए अधिकारियों को दोषी ठहरा रही है। चाहे ITAT हो या दिल्ली HC, उन्होंने कांग्रेस से नियमों का पालन करने, बकाया करों का भुगतान करने के लिए कहा है लेकिन पार्टी ने कभी ऐसा नहीं किया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस पार्टी ने हर क्षेत्र, हर राज्य और इतिहास के हर पल में लूट की हो, उसके लिए वित्तीय लाचारी की बात करना हास्यास्पद है। जीप से लेकर हेलिकॉप्टर घोटाले से लेकर बोफोर्स तक सभी घोटालों से जमा हुए पैसे का इस्तेमाल कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार में कर सकती है। उन्होंने वार करते हुए कहा कि कांग्रेस के अंशकालिक नेता कहते हैं कि भारत का लोकतंत्र होना झूठ है – क्या मैं उन्हें विनम्रतापूर्वक याद दिला सकता हूं कि 1975 और 1977 के बीच केवल कुछ महीनों के लिए भारत एक लोकतंत्र नहीं था और उस समय भारत की प्रधान मंत्री कोई और नहीं बल्कि श्रीमती इंदिरा गांधी थीं।कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज (लेनदेन पर रोक) किए जाने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है।