लोस चुनाव : रायबरेली में कांग्रेस की ‘डिले टैक्टिस’, दिल्ली से मिले संकेत के बाद आई तेज़ी

रायबरेली । भाजपा की चुनावी चाल से सतर्क कांग्रेस अब डिले टैक्टिस पर काम कर रही है। रायबरेली में उम्मीदवार घोषित करने में पार्टी अब किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। यह जरूर है कि विरोधी खेमे पर नज़र रखते हुए कांग्रेस ज़मीनी तैयारी में जुट गई है।दिल्ली से मिले संकेत के बाद बूथ स्तर तक बैठकों का दौर तेज़ी से चल रहा है। माना जा रहा है कि प्रियंका वाड्रा गांधी की यहां से उम्मीदवारी तय है और इंतजार केवल भाजपा के पत्ते खुलने का है।

राजनीतिक विश्लेषक डॉ ओमप्रकाश शुक्ला के अनुसार रायबरेली में कांग्रेस की रणनीति यह है कि वह भाजपा की पहल का इंतजार करे, इसलिए वह डिले टैक्टिस अपना रही है। कांग्रेस की रणनीति यह है कि इसके लिए भाजपा के पास ज्यादा समय न रहे।’

दिल्ली से मिले ख़ास संकेतों से कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं में जोश व उत्साह है। सोशल मीडिया से लेकर पार्टी के संगठन में बैठकों का दौर जारी है। मजेदार बात यह है कि एक सप्ताह पहले तक ढीले बैठे नेता भी खासा सक्रिय हैं और बूथ स्तर की बैठकें ले रहे हैं। कांग्रेस के पांच न्याय और पच्चीस गारंटी की बात ज़मीनी कार्यकर्तों को बताई जा रही है और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के करीब 1800 बूथों पर पहुंचने की क़वायद है। महत्वपूर्ण बात है कि इन सभी की निगरानी पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा की जा रही है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे मंगलवार को रायबरेली में थे और उन्होंने पार्टी का घोषणापत्र जारी किया व अहम बैठक भी ली। इसके अलावा भी कई नेता भी कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं से फ़ीडबैक ले रहे हैं। जिस तरह से चुनावी तैयारियां यहां चल रही है ऐसे में लग रहा है कि प्रियंका गांधी की रायबरेली से उम्मीदवारी तय है और केवल आधिकारिक घोषणा ही बाकी है। जिसे एक ख़ास रणनीति के तहत टाला जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी कहते हैं कि ‘रायबरेली से प्रियंका गांधी ही चुनाव लड़ेंगीं, बूथ स्तर तक कार्यकर्ता पूरी ऊर्जा से जुटे हैं। सभी यह चाहते हैं कि प्रियंका ही उनका प्रतिनिधित्व करें और समय आने पर इसकी घोषणा भी हो जाएगी।

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