विकल्प पत्र वितरित होने के साथ ही प्रभावितों को सताने लगी विस्थापन की चिंता

जोशीमठ । जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित परिवारों के साथ चिन्हित किए गए हाई रिस्क जोन में आए परिवारों को विकल्प पत्र दिए जाने के बाद लोगों को विस्थापन का डर सताने लगा है, हालांकि अभी सिर्फ विकल्प मांगे गए हैं और विकल्प मिलने के बाद सरकार क्या निर्णय लेगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन विकल्प पत्र वितरित करने की तेजी से शुरू हुई प्रक्रिया से लोग चिंतित अवश्य हो गए हैं।

विकल्प पत्र में दिए गए विकल्पों में एक विकल्प अपनी निजी भूमि का खसरा नंबर व क्षेत्रफल दर्शाने का भी है, इस विकल्प को लेकर जोशीमठ के मूल-पुश्तेनी निवासी इस बात को लेकर भी चिंतित है कि यदि मूल निवासी जोशीमठ क्षेत्र मे ही अपनी निजी भूमि का विकल्प देते भी हैं तो वह भूमि क्या सुरक्षित होगी? इसे लेकर भी मंथन शुरू हो गया है।

भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ-रविग्राम के मूल गांवों के नागरिक लगातार बैठकों का आयोजन व विभिन्न माध्यमों से पत्राचार कर अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।

मंगलवार को भी ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज की श्री मठस्थली जोशीमठ मे हुई बैठक मे यह निर्णय हुआ कि जोशीमठ का कोई भी पुश्तैनी निवासी अपने गौचर, पनघट, जल, जंगल जमीन व देवस्थलों को छोड़कर कहीं अन्यत्र विस्थापित नहीं होगा।

इस बैठक में भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ में ट्रीटमेंट कार्य शीघ्र शुरू करने व ट्रीटमेंट के दौरान यदि किसी की भूमि व भवन की अधिग्रहण किए जाने की आवश्यकता हुई तो श्री बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजा दिए जाना चाहिए और यदि कोई उचित मुआवजा लेने के बाद स्वेच्छा से जोशीमठ छोड़कर जाना चाहता है तो इसके लिए वो स्वतंत्र है।

बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में स्थित सरकारी कार्यालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,स्कूल, कॉलेज आदि को जोशीमठ के सुरक्षित क्षेत्र में ही स्थापित करने, जिन प्रभावित परिवारों को उनके भवन का मुआवजा दिया जा चुका है। उनकी भूमि का भी उचित मुवावजा देकर भारवहन क्षमता को कम करने, मूल निवासियों की भूमि सेना, अर्धसैनिक बल, ग्रेफ व राजकीय विभागों द्वारा अधिग्रहित की गई है उस भूमि का आज की दर से मुवावजा दिए जाने अथवा सुरक्षित खाली भूमि को वापस करने की भी मांग की गई। जोशीमठ के सभी वार्डों की भूमि का सर्किल रेट समान करते हुए विस्थापन की स्थिति में सर्किल रेट का दस गुना मुवावजा दिए जाने की भी मांग रखी गई।

इस बैठक में पुनर्वास व विस्थापन की स्थिति में एनटीपीसी की आर एंड आर पॉलसी को लागू किए जाने सहित अनेक अन्य मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें मारवाड़ी से लेकर सुनील एवं होसी-रविग्राम से मनोटी तक के पुश्तैनी परिवारों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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