ऐसे भी राम भक्त : स्केटिंग करते रामेश्वरम से अयोध्या पहुंचा युवक

अयोध्या । श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में गजब का उल्लास है। इस पावन क्षण का साक्षी बनने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। इनमें एक ऐसा भी युवा राम भक्त है, जो स्केटिंग करते हुए तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित रामसेतु से अवधपुरी तक पहुंचा है। 4532 किमी की इस ‘धर्मसेतु’ यात्रा को उसने 72 दिन में पूरी की है।

22 वर्षीय अगस्त्य गुजरात के आनंद शहर का रहने वाला है। पांच नवम्बर, 2023 को रामेश्वरम के रामसेतु से उसने अपनी यह ‘धर्मसेतु’ यात्रा स्केटिंग के माध्यम से शुरु की। यात्रा के दौरान वह पांच राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के उन स्थलों तक पहुंचा जहां वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम गए थे।

ये रहे अगस्त्य की यात्रा के प्रमुख पड़ाव

यात्रा के दौरान वह हम्पी यानी किष्किंधा पर्वत, सुग्रीव गुफा, हनुमान जी की जन्मस्थली-हनुमन हल्ली गांव, अंजना हिल, सूर्यवन, शबरी आश्रम, अगस्त्य ऋषि का आश्रम, पंचवटी, रामटेक, रामवन, चित्रकूट में कामदगिरि और प्रयागराज में श्रंगवेरपुर समेत राम वनगमन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का दर्शन किया और प्रत्येक जगह की पवित्र मिट्टी लेकर 11 कलश तैयार किया है।

ठंड और बारिश भी न डिगा सकी आस्था

अगस्त्य ने बताया कि यात्रा के दौरान उसे जगह-जगह मौसम की मार भी झेलनी पड़ी, दक्षिण भारत में कई स्थानों पर बारिश का सामना हुआ तो उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड मिली, लेकिन भगवान राम की कृपा से उसकी आस्था प्रतिकूल परिस्थिति में भी डिगी नहीं और तय समय से पहले ही वह श्री अयोध्या धाम पहुंच गया। उसने यह यात्रा 80 दिन में पूरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन 72 दिन में ही उसे पूरा कर लिया। यहां पहुंचते ही उसने सर्वप्रथम हनुमान गढ़ी में श्री बजरंग बली और रामलला का दर्शन किया।

पिता और बड़े भाई रहे साथ, करते रहे उत्साह वर्धन
अगस्त्य ने बताया कि उसके पिता घनश्याम और बड़े भाई मार्कण्ड पूरी यात्रा के दौरान उसके साथ एक चार पहिया वाहन के साथ लगे रहे एवं उसका उत्साह वर्धन करते रहे। उसने बताया कि उसके पिता श्रीराम मंदिर की कारसेवा में भी रहे हैं। उन्हीं की प्रेरणा से मेरी यह अभिलाषा पूर्ण हुई है।

ये है युवा अगस्त्य की अभिलाषा

यात्रा पूरी करने के बाद युवा अगस्त्य अपने परिजनों के साथ राम नगरी के एक आश्रम में ही प्रवास कर रहा है। उसकी इच्छा है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी को पवित्र स्थलों की मिट्टियों से भरे एक कलश को वह रामलला को सौंपेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी एक-एक कलश वह सौंपना चाहता है।

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