प्रदूषण मुक्त होगी चारधाम यात्रा, विश्व फलक पर जगाएगी स्वच्छता की अलख

देहरादून । देवभूमि उत्तराखंड को प्रदूषण मुक्त बनाने की कवायद तेज हो गई है। धामी सरकार केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत चार प्रमुख तीर्थ स्थलों के पैदल मार्गों को प्रदूषण मुक्त बनाएगी। इससे चारधाम यात्रा पर देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की तीर्थ यात्रा सफल होगी। साथ ही वे स्वच्छता का संदेश भी लेकर जाएंगे और विश्व फलक पर स्वच्छता की अलख जगाएंगे।

उत्तराखंड राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अब चारधाम यात्रा में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग और संचालन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके तहत आरटीओ अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि इस बार इलेक्ट्रिक वाहन चाहे वह कामर्शियल हों या निजी, उन्हें चारधाम आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा चारधाम यात्रा के रूट मार्ग पर 28 इलेक्ट्रिक स्टेशन लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए जीएमवीएन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। आरटीओ अधिकारी ने बताया कि चार्जिंग स्टेशन की संपूर्ण जानकारी लोग एप के माध्यम से ले सकेंगे।

प्लेन क्षेत्रों में हर नौ किलोमीटर और चारधाम यात्रा मार्ग पर हर 30 किमी पर बनेगा चार्जिंग स्टेशन-

दरअसल, फरवरी 2018 में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में वाहनों से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जताई गई थी। इसके बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में देहरादून में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला और वाहनों की संख्या भी बढ़ी, लेकिन अब तक एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं बने हैं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब परिवहन विभाग योजना बना रहा है कि प्लेन क्षेत्रों में हर नौ किलोमीटर और चारधाम यात्रा मार्ग पर हर 30 किमी में चार्जिंग स्टेशन बनाया जाए।

उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति से इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा प्रोत्साहन-

उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2027 तक सभी डीजल आधारित और पुरानी तकनीक वाले शहरी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को चलन से बाहर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से तैयार उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024 को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है। परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने इसे लागू करने का शासनादेश भी जारी कर दिया है। ऐसे में ये नीति पहले चरण के तहत देहरादून शहर में लागू हो गई है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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