लोस चुनाव : पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाएंगी बसपा प्रमुख मायावती

मेरठ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को जनपद में चुनावी जनसभा में बसपा सरकार बनने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच मेरठ में बनवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के हवा-हवाई घोषणा पत्रों के झांसे में ना आकर बसपा को चुनाव जिताएं। इससे सर्व समाज का भला होगा।

मायावती ने मंगलवार को मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार देवव्रत त्यागी के समर्थन में हापुड़ रोड स्थित अलीपुर गांव में जनसभा की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हवा-हवाई घोषणा पत्रों जारी करने वाली पार्टियों को केंद्र की सत्ता में आने से रोकना है। विरोधी दलों की कथनी और करनी में अंतर रहा है। ऐसे में लोगों को प्रदेश और देश के हित में भाजपा, कांग्रेस, सपा को वोट ना देकर बसपा को देना है। इससे ही सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय का नारा साकार होगा। तभी देश की सारी समस्याओं को हल किया जा सकेगा।

मायावती ने कहा कि लखनऊ में बेंच की तर्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच मेरठ में ही बननी चाहिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग से प्रदेश बनाया जाए। बसपा सरकार ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। बसपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाएगी।

बसपा प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी किसी से गठबंधन करके नहीं, बल्कि अकेले ही अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रही है। टिकट बंटवारे के मामले में भी सर्व समाज के लोगों को उचित भागीदारी दी है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अधिकतर सत्ता कांग्रेस के पास रही है। कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से ही उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा है। कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों की भी ऐसी ही स्थिति रही है।

भाजपा की पूंजीवादी, सांप्रदायिक, जातिवादी, द्वेषपूर्ण नीतियों, कथनी-करनी में अंतर है। अगर यह चुनाव निष्पक्ष और साफ-सुथरा होता है तथा ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई तो भाजपा सत्ता में नहीं आने वाली।

इस चुनाव में भाजपा की कोई भी पुरानी व नई नाटकबाजी, जुमलेबाजी, गारंटी आदि काम में नहीं आएगी। भाजपा ने गरीब, कमजोर, मध्यम वर्ग और मेहनतकश लोगों को अच्छे दिन दिखाने के वायदे किए है। वह वायदे भी पूरे नहीं किए हैं।

मायावती ने कहा कि इसके स्थान पर भाजपा सरकार का ज्यादा समय और ताकत चहेते पूंजीपतियों, धन्ना सेठों को मालामाल करने और छूट देने व बचाने में ही बीता है। इन पूंजीपतियों के सहयोग से ही भाजपा अपना संगठन चलाती है। कांग्रेस की तरह ही भाजपा में भी केंद्र की जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण हो गया है। भाजपा सरकार में किसान पूरी तरह से परेशान है। बसपा सरकार में किसानों का पूरा ध्यान रखा गया था। किसानों को फसलों का उचित दाम दिया गया। गन्ने का अधिक दाम दिया गया। कांग्रेस और भाजपा सरकार में दलित, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समाज के लोगों का आर्थिक उत्थान नहीं हुआ। आरक्षण का अधूरा कोटा भी नहीं भरा गया है। एससी-एसटी लोगों को प्रमोशन में आरक्षण भी प्रभावहीन बना दिया गया है।

मायावती ने कहा कि यूपी की सपा सरकार ने भी पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया था। सपा नहीं चाहती है कि एससी-एसटी के लोगों को आरक्षण का पूरा लाभ मिले। ऐसी पार्टी को वोट देकर अपना वोट खराब मत करो। जब बसपा ने संसद में यह मामला उठाया तो सपा ने उस बिल को ही फाड़ दिया था। ऐसी पार्टी दलितों और शोषितों का भला नहीं कर सकती। दलित संत-महात्माओं के नाम पर रखे गए जिले, विश्वविद्यालयों आदि के नाम बदल दिए थे। अधिकतर सरकारी कार्य निजी क्षेत्र के जरिए कराए जा रहे हैं। यह काम धन्नासेठों को दिए जाने से एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण का बहुत कम लाभ मिल पा रहा है। अल्पसंख्यकों का शोषण व उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसे लोगों की हालत बहुत खराब और दयनीय है। इसका खुलासा सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में किया गया है।

कई राज्यों में भाजपा की सरकारों में अल्पसंख्यकों का विकास और उत्थान होना बंद हो गया है। हिन्दुत्व की आड़ में अल्पसंख्यकों पर जुल्म किया जा रहा है। अगड़े समाज के गरीबों की हालत भी अच्छी नहीं है। गलत कृषि नीतियों के कारण किसान परेशान है। गलत आर्थिक नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इससे छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारी भी परेशान है।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी, पूर्व सांसद मुनकाद अली, ओमप्रकाश पाल, सुनील त्यागी, देवेश त्यागी, आसाराम त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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